जबलपुर: अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर लगे रोक
- राजस्व अधिकारियों को बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश
- जीवन भर की जमा पूँजी लगाकर भूखण्ड या घर खरीदने वाले व्यक्ति परेशानी में न फँसे
- अवैध कॉलोनियों के निर्माण को रोकने का मकसद कॉलोनाइजर या बिल्डरों को हतोत्साहित करना होना चाहिए
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर तत्काल रोक लगाने के संबंध में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर रोक लगाने की कार्यवाही इनके बनने की शुरुआत से ही हो, ताकि जीवन भर की जमा पूँजी लगाकर भूखण्ड या घर खरीदने वाले व्यक्ति परेशानी में न फँसे।
कलेक्टर ने बैठक में राजस्व अधिकारियों को अपने क्षेत्र में भ्रमण करके जाँच करने व विकसित हो रही कॉलोनियों पर नज़र रखने तथा दस्तावेजों की पड़ताल करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अवैध कॉलोनियों के निर्माण को रोकने का मकसद कॉलोनाइजर या बिल्डरों को हतोत्साहित करना होना चाहिए, उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही भी की जाए।
लेकिन भूखण्ड धारकों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अवैध कॉलोनियों के निर्माण को रोकने में पटवारियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि कॉलोनी निर्माण के लिए जरूरी अनुमतियों, नियम-निर्देशों एवं प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देने पटवारियों की कार्यशाला आयोजित की जाए तथा प्रेजेंटेशन तैयार कर उन्हें इनसे अवगत कराया जाए।
उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी भी इस बारे में सभी प्रावधानों का गहराई से अध्ययन करें और प्लानिंग तैयार कर अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर प्रभावी ढंग से रोक लगाएँ। अवैध कॉलोनी के निर्माण की सूचना मिलने पर तुरंत एक्शन लेने की बात कही।
बैठक में अपर कलेक्टर मिशा सिंह, नाथूराम गोंड, एसडीएम पीके सेनगुप्ता एवं एसडीएम पंकज मिश्रा मौजूद थे।
श्रीधाम कॉलोनी का निरीक्षण
बैठक के बाद कलेक्टर ने खजरी खिरिया बाईपास के समीप स्थित श्रीधाम आवासीय कॉलोनी का निरीक्षण किया। इस दौरान एसडीएम जबलपुर श्री सेनगुप्ता ने बताया कि अवैध तौर पर बसाई जा रही इस कॉलोनी के खसरा के काॅलम नम्बर-12 में अहस्तांरणीय दर्ज कर दिए जाने से रजिस्ट्री न हो पाने के कारण भूखण्डों की खरीद-फरोख्त रुक गई है।
कलेक्टर ने चौराहे पर लगाई चौपाल
शुक्रवार को अचानक कलेक्टर ने पनागर क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने तहसील कार्यालय और जनपद कार्यालय पनागर का निरीक्षण किया। वहीं ग्राम बम्हनौदा में ज्योति पटैल द्वारा स्थापित गोबर गैस संयंत्र का अवलोकन कर उसकी सराहना की।
इसके बाद वे जब बरौदा चौराहे पर पहुँचे आम ग्रामीण उन्हें पहचान कर पास आने लगे और कुछ ही देर में भीड़ लग गई। इस तरह यहाँ एक प्रकार की चौपाल लग गई और ग्रामीणों ने अपनी समस्याएँ सुनाईं, तो कलेक्टर ने तत्काल उनका हल भी निकाला।
सबसे बड़ी समस्या यहाँ के चंसोरिया वेयर हाउस में फँसे किसानों की राशि की थी जिस पर कलेक्टर ने कहा-पहले तो दोषियों पर कठोर कार्रवाई हो जाए, हर किसान को उसकी उपज का एक-एक रुपया दिलाया जाएगा।
फाइलों को लेकर लगाई फटकार
तहसील कार्यालय का निरीक्षण किया और 6 माह से लम्बित नामांतरण, सीमांकन आदि के प्रकरणों को हल करने कहा। इसके बाद कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जनपद पंचायत कार्यालय पनागर का निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने जनपद कार्यालय में फाइलों और रिकाॅर्ड के अव्यवस्थित रखरखाव पर अप्रसन्नता व्यक्त की और मौके पर अधिकारियों को फटकार लगाते हुए नस्तियों के व्यवस्थित संधारण के साथ-साथ जनपद कार्यालय परिसर में साफ-सफाई की ओर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।