नगर निगम के हाल: ग्रेच्युटी के लिए भटक रहे 125 सेवानिवृत्त कर्मचारी

  • मानवाधिकार आयोग के नोटिस का भी नहीं दे रहे जवाब
  • बिना भेदभाव के मिले 7वें वेतनमान का लाभ
  • 1 अप्रैल 2018 की बजाय 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतनमान का लाभ केवल चिकित्सक संवर्ग को मिल रहा है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-31 12:20 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। 7वें वेतनमान का वास्तविक लाभ बिना भेदभाव के चिकित्सा महाविद्यालय के सभी कार्यरत संवर्गों को प्रदान करने समेत अन्य माँगों के साथ शुक्रवार को मप्र चिकित्सा शिक्षा कर्मचारी संघ ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग के नाम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना को ज्ञापन सौंपा।

इस मौके पर वीरेंद्र तिवारी, ऋषि दुबे, राकेश चौरसिया, सचिन साहू, अक्षय नागरिया, सुरेश बाल्मीक आदि मौजूद रहे।

संयोजक वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि 1 अप्रैल 2018 की बजाय 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतनमान का लाभ केवल चिकित्सक संवर्ग को मिल रहा है, जबकि समस्त स्वशासी कर्मचारियों को इससे वंचित किया जा रहा है जो कि अत्यंत भेदभावपूर्ण है।

संघ की माँग है कि कर्मचारियों के सर्विस बुक के वेरिफिकेशन हेतु उचित निर्देश अविलंब प्रसारित करें, पूर्व में काटी गई सीपीएफ की राशि पूर्ण ब्याज के साथ अविलंब संबंधित कर्मचारी के एनपीएस अकाउन्ट में जमा करें एवं आयुष्मान योजना की वर्तमान में देय प्रोत्साहन राशि के लाभ से योजना में रिकाॅर्ड संधारण एवं मरीज के क्लेम इत्यादि का महत्वपूर्ण कार्य करने वाले लिपिकीय संवर्ग हेतु योजना में प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया जाए। 15 दिन में निराकरण न होने पर कामबंद हड़ताल की जाएगी।

नगर निगम में एक साल से 125 सेवानिवृत्त कर्मचारी ग्रेच्युटी और सेवानिवृत्ति लाभ के लिए भटक रहे हैं। ऐसा नहीं है कि नगर निगम में आर्थिक तंगी चल रही है, नगर निगम ठेकेदारों को नियमित रूप से भुगतान कर रहा है, लेकिन सेवानिवृत्त कर्मियों को ग्रेच्युटी और सेवानिवृत्त लाभ नहीं दिए जा रहे हैं।

वाहन चालक यांत्रिकी संघ के महामंत्री नरसिंहमलू और संतोष गौतम ने बताया कि ग्रेच्युटी और सेवानिवृत्ति लाभ नहीं मिलने से कई सेवानिवृत्त कर्मचारी इलाज नहीं करा पा रहे हैं। सेवानिवृत्ति लाभ नहीं मिलने के कारण एक सेवानिवृत्त महिला कर्मी के पुत्र की इलाज के अभाव में मृत्यु हो गई।

इस मामले में पिछले महीने मानवाधिकार आयोग से शिकायत की गई थी। नगर निगम के कर्मचारी मानवाधिकार के नोटिस का भी जवाब नहीं दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि ग्रेच्युटी और सेवानिवृत्ति लाभ के भुगतान में एक माह से अधिक का विलंब होने पर सेवानिवृत्त कर्मी को 8 प्रतिशत सालाना दर पर ब्याज का भुगतान किया जाएगा।

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