गोंदिया जिले के सात राइस मिलर्स तीन वर्ष के लिए ब्लैक लिस्टेड
कार्रवाई से राइस मिलर्स इंडस्ट्री में हड़कम्प
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। केंद्रीय जांच दल द्वारा जिले की 7 राइस मिलर्स में चावल के गुणवत्ता की जांच करने पर वह निकृष्ट दर्जे का पाया गया। जिसके चलते उपरोक्त राइस मिलर्स को तीन वर्ष के लिए ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है। इसमें देवरी तहसील के डोंगरगांव में स्थित वसंत राइस मिल, तिरूपति राइस मिल देवरी, महाराष्ट्र एग्रो इंडस्ट्री चिचगड़, मां भगवती राइस इंडस्ट्री देवरी, इंडियन फुड प्रोडक्ट चिचगड़, बालाजी राइस मिल बोरगांव तथा मां शक्ति राइस इंडस्ट्रीज देवरी का समावेश है।
कार्रवाई से राइस मिल इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया है। यहां बता दें कि जिला मार्केटिंग व आदिवासी विकास महामंडल की ओर से धान खरीदी केंद्रों के माध्यम से किसानों का धान समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता है। जिसके बाद चावल तैयार करने के लिए चयनित राइस मिलर्सो को मिलिंग के लिए धान दिया जाता है। चावल तैयार करने के बाद उसे गोदामों में रखा जाता है। इसी तरह देवरी तहसील के आशु गोदाम में जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय की ओर से अप्रैल 2022 में चावल जमा किया गया था। उस समय चावल गुणवत्ता अधिकारी सतीश अगडे ने उपरोक्त 7 राइस मिलर्स द्वारा जमा किए गए चावल की गुणवत्ता की जांच कर आशु गोदाम में जमा कर दिया। लेकिन जब केंद्रीय जांच दल ने 7 मई को चावल की गुणवत्ता जांच की तो चावल निकृष्ट दर्जे का पाया गया। जो खाने योग्य नहीं है।
जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारी तथा जिलाधिकारी को दी गई। उपरोक्त राइस मिलर्स के माध्यम से जमा किया गया चावल निकृष्ट दर्जे का पाए जाने के कारण उपरोक्त राइस मिलर्स को तीन वर्ष के लिए ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है। उल्लेखनीय है कि जिले में चावल की कालाबाजारी बड़े पैमाने पर चल रही है। जिसके समाचार हमेशा सुनने एवं पढ़ने में मिलते हैं। ऐसे में केंद्रीय जांच दल द्वारा की गई इस कार्रवाई से राइस मिल इंडस्ट्री में खलबली मच गई है।