धान खरीदी केंद्रों की जांच के लिए मुंबई की टीम फिर गोंदिया में
चुटिया की सहकारी संस्था के साथ ही अनेक संस्थाओं पर लगे थे हेराफेरी के आरोप
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। धान की हेेराफेरी करने के मामले में हाल ही में चुटिया ग्राम की सहकारी संस्था संचालकों पर शहर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। इसी बीच पणन विभाग के अधिकारियों की एक टीम 22 अगस्त को मुंबई से फिर गोंदिया पहुंचने की जानकारी मिली है। जिसमें 5 से 6 अधिकारियों का समावेश है। अब इस टीम द्वारा धान की हेराफेरी मामलों में दोषी संस्थाओं पर क्या कार्रवाई की जाएगी? इस पर सबकी नजरें लगी हुई हैं। कुछ संस्थाओं द्वारा खरीदे गए धान एवं उनके पास गोदामों में उपलब्ध धान की मात्रा में भारी अंतर दिखाई दिया है। जिसके कारण संस्था संचालकों को पणन विभाग ने नदारद धान फिर से गोदाम में जमा कराने को कहा है। लेकिन इस सारी खींचतान में कुल मिलाकर शासन के साथ ही धोखाधड़ी हो रही है। अब यह मांग उठने लगी है कि जिन संस्थाओं का रिकार्ड ठीक नहीं है, उनको स्थायी रूप से ब्लैक लिस्टेड कर भविष्य में उन्हें धान खरीदी की अनुमति किसी भी सूरत में नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही हेराफेरी किए गए धान की राशि भी संस्था संचालकों से सख्ती से वसूल होना चाहिए। जिससे शासन के धन का दुरुपयोग न हो सके।
जिले में मार्केटिंग फेडरेशन द्वारा गांव-गांव में सहकारी संस्थाओं के माध्यम से खरीफ एवं रबी मौसम में किसानों का धान केंद्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए शासकीय धान खरीदी केंद्र शुरू किए जाते हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से कुछ संस्था संचालकों द्वारा शासकीय धान की खरीदी में हेराफेरी किए जाने के मामले सामने आए हैं। जिसके बाद अनेक संस्था संचालकों पर पुलिस स्टेशनों में एफआईआर भी दर्ज कराई गई। जिले में बड़े पैमाने पर धान खरीदी में घोटाले सामने आए हैं। कुछ संस्थाओं ने खरीदी किया गया धान अब तक राइस मिलर्स को पणन विभाग द्वारा डीओ दिए जाने के बावजूद मिलिंग के लिए उपलब्ध नहीं कराया है।