बालमृत्यु राेकने ग्राम स्तर पर ग्राम बालविकास केंद्र स्थापित करें
जिलाधिकारी ने दिए निर्देश
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में बाल मृत्यु दर थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीण इलाकों में आज भी गर्भवती माताओं की प्रसूति घरों में ही हो रही है। यह गंभीर विषय होकर ग्रामीण क्षेत्र में प्रभावी जनजागरण करने की आवश्यकता है। बाल मृत्यु दर कम करने के लिए गांव स्तर पर ग्राम बाल विकास केंद्र स्थापित करें। इस आशय की सूचना जिलाधिकारी संजय मीणा ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को दिए। सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय में जिलास्तरीय गाभा समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में समिति के सचिव और जिला परिषद के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. दावल सालवे, जिला शल्य चिकित्सक डा. प्रमोद खंडाते, महिला व बाल अस्पताल की वैद्यकीय अधीक्षक डा. माधुरी किलनाके आदि प्रमुखता से उपस्थित थे। बता दें कि, स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक मजबूत करने के साथ जिले में बाल मृत्यु का प्रमाण करने के लिए जिलास्तरीय गाभा समिति का गठन किया गया है। इस समिति के माध्यम से बालमृत्यु के प्रमाण को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
समिति की बैठक जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित की गयी। जिलाधिकारी मीना ने कहा कि, भामरागढ़ तहसील में बाल मृत्यु दर काफी अधिक है। तहसील स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा तहसीलदार और गुट विकास अधिकारी से संपर्क बनाकर इस प्रमाण को कैसे कम किया जा सकता हैं, इस पर कार्य करने के आदेश जिलाधिकारी ने दिए। गर्भवती माताओं की प्रसूति सरकारी अस्पताल में ही करने परिसर में जनजागरण करने के निर्देश भी उन्होंने इस समय दिए। बैठक में जिला माता व बाल संगोपन अधिकारी डा. स्वप्निल बेले, निवासी वैद्यकीय अधिकारी डा. बागराज धुर्वे समेत स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों समेत कर्मचारी उपस्थित थे।