सरेंडर: 14 वर्ष से सक्रिय नक्सलवादी ने पुणे पुलिस के समक्ष किया समर्पण, नक्सली नेता था अंगरक्षक

  • पिछले कुछ समय से बीमार चल रहा है नक्सली संतोष
  • पुणे के अस्पताल में जारी है उपचार
  • पत्नी के कहने पर नक्सलियों से जुड़ा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-24 10:10 GMT

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। छत्तीसगढ़ राज्य व गड़चिरोली जिले में पिछले 14 वर्षों से नक्सली आंदोलन में सक्रिय और दो वर्ष पूर्व पुलिस-नक्सली मुठभेड में मृत नक्सल नेता मिलिंद तेलतुंबडे का अंगरक्षक नक्सलवादी संतोष शेलार उर्फ पेंटर खराब सेहत के कारण पुणे की पुलिस के समक्ष समर्पण करने की जानकारी पुलिस विभाग ने दी है। 14 वर्ष पूर्व नक्सलवादी संतोष शेलार मिलिंद तेलतुंबडे अपनी पत्नी अंजला सोनटक्के के प्रवाह में अाकर नक्सली आंदोलन में शामिल हुआ था। बता दें कि, 7 नवंबर 2010 को पुणे के कासेवाड़ी परिसर से संतोष शेलार (33) लापता हुआ था।

पुलिस कार्यालय के दस्तावेज में किए गए पंजीयन के अनुसार कबीर कलामंच में सक्रिय संतोष आगे चलकर नक्सल नेता मिलिंद तेलतुंबडे व उनकी पत्नी अंजला सोनटक्के के संपर्क में आया। नक्सली आंदोलन को शहरी क्षेत्र में पहुंचाने की जिम्मेदारी स्वीकारनेवाले तेलतुंबडे दंपति ने उस समय मुंबई, पुणे परिसर के अनेक युवकों को नक्सली आंदोलन में खींचने का प्रयास किया। उसमें संतोष भी शामिल था। पिछले 14 वर्षों से वह गड़चिरोली-छत्तीसगढ़ सीमा पर सक्रिय था। नक्सलियों के विभिन्न विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत संतोष आंदोलन में ‘चित्रकार’ के रूप में प्रसिद्ध था। उसने छत्तीसगड-गड़चिरोली क्षेत्र में कई हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया। उसका नाम छत्तीसगड़ की ‘मोस्ट वांटेड’ सूची में शामिल था। वर्तमान में उसे छत्तीसगढ़ के बालाघाट जिले के मलाजखंड दलम में एरिया कमांडर के पद की जिम्मेदारी साैंपी गई थी।

संतोष को नक्सली आंदोलन में नक्सली नेता मिलिंद तेलतुंबडे के पसंदीदा के रूप में पहचाना जाता था। मिलिंद ने उसे बॉडीगार्ड के तौर पर अपने एरिया में रखा था। नक्सली आंदोलन को तब बहुत बड़ा झटका लगा, जब दो वर्ष पूर्व गड़चिरोली सीमा पर मर्दिनटोला में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में नक्सल नेता मिलिंद तेलतुंबडे समेत 28 नक्सली मारे गए थे। तब से नक्सली आंदोलन खत्म होता नजर आ रहा है जिसके चलते बहुत सारे नक्सलियों ने समर्पण का मार्ग अपनाया है। संतोष भी पिछले कुछ महीनों से बीमार होने की वजह से कुछ दिन पूर्व इलाज के लिए पूणे में आया था। इसी बीच खराब सेहत के चलते संतोष शेलार ने पुणे की पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। फिलहाल संतोष का इलाज चल रहा है और महाराष्ट्र आतंकवाद विरोध दस्ता उस पर नजर रखे हुए हैं। लेकिन नक्सलवादी संतोष के समर्पण से नक्सली आंदोलन को बहुत बड़ा झटका लगा है।

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