Gadchiroli News: उद्योग विहीन गड़चिरोली जिले में जंगली हाथियों ने तबाह की किसानों की जिंदगी

उद्योग विहीन गड़चिरोली जिले में जंगली हाथियों ने तबाह की किसानों की जिंदगी
  • केवल निगहबानी कर रहा वन विभाग
  • आजीविका का मुख्य साधन भी संकट में
  • जीवनयापन पर उठ रहे सवाल

Gadchiroli News उद्योग विहिन गड़चिरोली जिले में खरीफ व रबी सत्र के दौरान स्थानीय किसानों द्वारा विभिन्न प्रकार की फसले उगाकर अपनी उपजीविका चलाने का प्रयास किया जाता है। लेकिन इन प्रयासों पर अब जंगली हाथियों ने पानी फेरने का कार्य शुरू कर दिया है। पिछले ढ़ाई वर्षों से ओड़िसा राज्य से गड़चिरोली जिले में दाखिल हुए जंगली हाथियों के झुंड ने किसानों की फसलों को तबाह करने का कार्य किया है।

लगातार हो रही मांग के बाद भी इस झुंड को खदेड़ने में वनविभाग अब तक सफल नहीं हो पाया है। विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों के साथ पश्चिम बंगाल से बुलाई गई हुल्ला टीम केवल हाथियों पर निगहबानी रखने का ही कार्य कर रही है। जिसके कारण स्थानीय किसानों व नागरिकों में असंतोष व्यक्त किया जा रहा है। वर्तमान में जंगली हाथियों का झुंड गड़चिरोली तहसील के पोर्ला वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले जंगल परिसर में मौजूद है। खरीफ सत्र अंतिम चरण में होकर किसानों ने अपने खेत की धान फसल पूरी तरह काट ली है। कुछ किसानों की कटी फसल अब भी खेत में मौजूद होकर अधिकांश किसानों ने खेत में ही धान के ढेर तैयार कर रखे हैं।

आने वाले कुछ ही दिनों में पिसाई का कार्य पूर्ण होने के बाद किसान अपने धान को सरकारी खरीदी केंद्र में ले जाकर इसकी बिक्री करेंगे। लेकिन ऐसी स्थिति में ही जंगली हाथियों ने धान की फसल को अपना निशाना बना लिया है। दिनभर जंगल में विश्राम करने वाले जंगली हाथी रात होते ही खेत परिसर में पहुंचकर धान के ढ़ेर को तहस-नहस कर रहे हैं। लगातार चार महीनों तक खेत में कड़ी मेहनत करने के बाद किसानों के हाथ में मेहनत का फल नसीब हुआ है। लेकिन अब जंगली हाथियों द्वारा फसल को बर्बाद करने से किसान संकट में फंस गये हैं। जंगली हाथियों के इस झुंड में हाथियों की संख्या करीब 29 होकर इस झुंड को खदेड़ना काफी मुश्किल है। इस कारण वन विभाग की टीम भी हाथियों पर केवल नजर रखने का कार्य कर रहीं है। नुकसान होने के बाद संबंधित किसान के खेत में पहुचंकर नुकसान का पंचनामा किया जा रहा है। हाथियों के इस झुंड को तत्काल खदेड़कर नुकसान का मुआवजा देने की मांग अब किसानों द्वारा जोर पकड़ रही है।

Created On :   30 Nov 2024 5:50 PM IST

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