एनसीपी : उत्तराधिकार की जंग में एक कदम आगे सुप्रिया!

पवार के पावर गेम में छिपा है अजित पवार के लिए भी संदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-10 13:50 GMT

अजित कुमार, नई दिल्ली । राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित कर पार्टी के अंदर एक बार फिर हलचल बढ़ा दी है। पवार का यह एलान बेटी सुप्रिया सुले को पार्टी की कमान देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है तो वहीं भतीजे अजित पवार को एक स्पष्ट संदेश भी कि उन्हें महाराष्ट्र तक ही सीमित रहना है।

राकांपा में शरद पवार के उत्तराधिकारी को लेकर पहले से सवाल उठता रहा है। उत्तराधिकारी के तौर पर कभी अजित पवार का नाम सामने आता है तो कभी सुप्रिया सुले का। लेकिन आज की घोषणा यह संदेश देती है कि भविष्य में सुप्रिया सुले ही राकांपा की ‘बॉस’ होंगी। ठीक वैसे ही जैसे बाला साहेब ठाकरे ने अपने भतीजे राज ठाकरे को नजरअंदाज करके उद्धव को पार्टी की कमान सौंपी थी। वैसे सुप्रिया पहले से दिल्ली की राजनीति करती रही हैं। अब पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष का अोहदा मिलने के बाद राष्ट्रीय राजनीति में उन्हें ज्यादा गंभीरता से लिया जाएगा।

परिवारवाद के आरोप से बचने प्रफुल्ल को दिया मौका!

सुप्रिया सुले को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने से सीनियर पवार पर परिवारवाद का आरोप चस्पा हो सकता है। लिहाजा इस आरोप से बचने के लिए उन्होंने सुप्रिया के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को भी कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। हालांकि पटेल शरद पवार के सबसे करीबी नेताओं में शुमार हैं। उधर अजित पवार ने पार्टी के आज के फैसले का स्वागत करके यह जताने की कोशिश की है कि वे इस फैसले के साथ हैं। लेकिन सूत्र बताते हैं कि अजित पवार का खेमा इस फैसले से खुश नहीं है। ऐसे में भाजपा के साथ पहले से नजदीक दिख रहे जूनियर पवार के भगवा पार्टी के साथ जाने की संभावना बन सकती है। हालांकि राकांपा महासचिव सुनील तटकरे ने अजित की नाराजगी की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि अजित जरा भी परेशान नहीं हैं। वह शुरू से महाराष्ट्र में काम कर रहे हैं।

अब विपक्षी गठबंधन को मजबूत करेंगे पवार

पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बृजमोहन श्रीवास्तव कहते हैं कि अजित दादा दिल्ली में काम करने के इच्छुक कभी नहीं रहे। उनकी प्राथमिकता हमेशा महाराष्ट्र रही है। जहां तक पवार साहब की घोषणा का सवाल है तो पार्टी का राष्ट्रीय स्तर का कामकाज अब सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल संभालेंगे और शरद पवार राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकजुटता को मजबूत करने में जुटेंगे।

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