नाबालिग के दुष्कर्मी को मरते दम तक कठोर कारावास
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। लोधीखेड़ा की एक ११ साल की नाबालिग के अपहरण और उसके शारीरिक शोषण का मामला सामने आया था। इस मामले के आरोपी को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) श्रीमती कुमुदिनी पटेल ने दोषी करार दिया है। न्यायाधीश ने आरोपी को सश्रम आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवन तक) और अर्थदंड की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक दिनेश उईके ने बताया कि १३ मई २०१९ की सुबह ११ साल की बालिका अपनी नानी के साथ खेत गई थी। खेत से लगे मंदिर के समीप आरोपी राजा प्रजापति आया और बालिका को चप्पल समेत अन्य सामान दिलाने का झांसा देकर अपने साथ बाइक से बाजार जोड़ सौंसर ले गया। सुनसान क्षेत्र में ले जाकर आरोपी ने नाबालिग से दुराचार किया था। दुराचार के बाद आरोपी ने एक कबाड़ी की दुकान में बालिका को छोडक़र भाग निकाला था। पीडि़ता ने एक चाय वाले और सुरक्षाकर्मी को घटना की जानकारी दी। उन्होंने डायल-१०० पर फोन कर वारदात की सूचना पुलिस को दी थी। पुलिस ने आरोपी राजा के खिलाफ अपराध दर्ज किया था। इस मामले में विशेष न्यायाधीश ने आरोपी राजा को सजा सुनाई है। मामले की जांच एसडीओपी अभिलाष धारू ने की थी।
इन धाराओं में सुनाई सजा-
न्यायाधीश ने आरोपी को धारा ३७६ (२)(एन) में सश्रम आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवन तक)। धारा ३७६ (क)(ख), पॉक्सो एक्ट की धारा ५/६ में सश्रम आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवन तक)। धारा ३७७ एवं पॉक्सो एक्ट की धारा ५/६ में सश्रम आजीवन कारावास। धारा ३६३, ३६६ में सात साल का सश्रम कारावास। धारा ५०६ में एक साल के सश्रम कारावास से दंडित किया है।