उम्र की शतकीय पारी खेल चुके फ्रीडम फाइटर दादा रूपचंद राय नहीं रहे
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। उम्र की शतकीय पारी खेल चुके स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व छिंदवाड़ा नगरपालिका के प्रथम अध्यक्ष दादा रूपचंद राय का बुधवार सुबह निधन हो गया। उनके नाम के आगे जनसेवक लगाया जाता था। दोपहर बाद उन्हें राजकीय सम्मान से विदाई दी गई। उनके निज निवास से निकली अंतिम यात्रा का पड़ाव शहीद स्मारक पर हुआ। यहां कलेक्टर मनोज पुष्प, पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा, एसडीएम राजेंद्र जैन सहित शहर के प्रतिष्ठितों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं मोक्षधाम में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। अंत्येष्टी में पूर्व मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह, नाना भाऊ मोहोड़, कांग्रेस जिला अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे, महापौर विक्रम अहके, भाजपा व कांग्रेस के पार्षद सहित शहर के कई प्रतिष्ठित शामिल हुए।
फ्रीडम फाइटर से जनसेवक कहलाए
दादा रूपचंद राय का जन्म 13 सितंबर 1923 को हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के तौर पर उनकी बड़ी भूमिका रही। मीसाबंदी भी रहे। वर्ष 1959 को वे छिंदवाड़ा नगरपालिका के प्रथम अध्यक्ष बने। वे भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य भी रहे। 1972 में उन्होंने जनसंघ के प्रत्याशी के तौर पर विधानसभा चुनाव भी लड़ा। सतपुड़ा लॉ कॉलेज और छोटा तालाब टापू में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापना में उनकी बड़ी भूमिका रही। शहर में उन्हें जनसेवक के रूप में पहचान मिली।
नकुल-कमलनाथ ने गहन शोक जताया
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, जनसेवक दादा रूपचंद राय के निधन पर पूर्व सीएम कमलनाथ व सांसद नकुलनाथ ने गहरा दुख जताया और श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व मुख्यमंत्री श्री नाथ ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्व. दादा ने सदैव दलगत राजनीति से हटकर जनसेवा की और जिले की जनता ने भी उन्हें जनसेवक की उपाधि से अलंकृत किया। ऐसे सदाबहार व्यक्ति का जाना जिले व व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए एक अपूर्णनीय क्षति है। सांसद श्री नाथ ने कहा कि दीर्घायु दादा रूपचंद राय के अस्वस्थ होने और उनके एक निजी अस्पताल में भर्ती होने की मुझे जानकारी मिली थी। मैंने दूरभाष पर दादा से चर्चा कर उनका हाल जाना था मुझे यकीन नहीं हो पा रहा है कि दो दिन पूर्व दादा से हुई यह चर्चा मेरी उनसे अंतिम चर्चा होगी।