छिंदवाड़ा: गुरुवार को जारी हुए स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजे, पिछले साल के रिकॉर्ड को कायम नहीं रख पाया निगम
- गुरुवार को जारी हुए स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजे
- पिछले साल के रिकॉर्ड को कायम नहीं रख पाया निगम
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। ये शर्मनाक है...शहर की साफ-सफाई में करोड़ों का बजट फूंकने के बाद भी स्वच्छता के पैमाने पर हम फिसड्डी साबित हुए हैं। गुरुवार को जारी हुए सफाई के नतीजे में हमारे शहर का नंबर 55 वां आया है। जबकि 2022 के स्वच्छता सर्वेक्षण में हमने पूरे देश में 14वीं पोजीशन हासिल की थी। ग्रेडिंग में बड़ी गिरावट सिर्फ देश में नहीं बल्कि प्रदेश में भी हुई है। पिछले साल एक से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में हम जहां सिरमौर (नंबर-1) बने थे। वहीं इस बार 1 से 3 लाख तक की आबादी वालों निकायों में भी हमने 18वां स्थान हासिल किया है। मतलब नंबर-1 का तमगा तो छिना ही सफाई के पैमाने पर हम छोटे-छोटे नगरीय निकायों की तुलना में भी फिसड्डी साबित हुए हैं। जबकि निगम चुनाव के बाद शहर की सफाई व्यवस्था की कमान खुद महापौर ने अपने हाथों में रखी थी।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के नतीजे गुरुवार को जारी किए गए। उम्मीद तो ये थी कि इस बार फाइव स्टार रेटिंग के साथ ही शहर को फिर से सफाई के मसले पर नंबर-1 की पोजीशन हासिल होगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। पूरे देश में स्वच्छता के पैमाने पर हम 14 से खिसककर 55वें स्थान पर आ गए। देश में छिंदवाड़ा की साख तो गिरी ही प्रदेश के नगरीय निकायों की तुलना में भी हम कुछ खास नहीं कर पाए। पहली पोजीशन से पिछडक़र 18वें स्थान पर पहुंच गए। स्वच्छता पर इस शर्मनाक प्रदर्शन को लेकर अब अधिकारी अलग-अलग बात कह रहे हैं, लेकिन करोड़ों का बजट फूंकने के बाद भी ये स्थिति क्यों बनी इसका भी कोई एक जवाब नहीं है।
फाइव स्टार का दावा, थ्री स्टार भी छिन गया
स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान अधिकारियों का दावा था कि इस बार फाइव स्टार रेटिंग मिलेगी, तैयारियां भी इसी के आधार पर की जा रही थी, लेकिन फाइव स्टार तो मिला नहीं, 2022 में जो थ्री स्टार का तमगा मिला था वो भी छिन गया। तमाम तैयारियों के बावजूद सिर्फ वन-स्टार निगम को हासिल हुआ है।
ये तीन बड़ी वजह, जिसकी वजह से गिरी ग्रेडिंग
कचरे का पहाड़: कचरा प्रोसेसिंग में निगम पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुआ। कचरा कलेक्शन में बेहतर अंक लाने के बावजूद इसका निष्पादन नहीं किया जा सका। जिसकी वजह से कचरे का पहाड़ बन गया। इससे निगम के अंक घटे जिसका असर ग्रेडिंग पर हुआ।
सवा करोड़ की बेकार मशीन: गीला व सूखा कचरा अलग करने के लिए निगम ने सवा करोड़ की मशीन खरीदी थी। ये बेकार साबित हुई। गीला और सूखा कचरा अलग नहीं किया जा रहा था। सिर्फ टीम के समक्ष दिखावे के चक्कर में कुछ दिन के लिए चालू किया गया, लेकिन इस बार सर्वेक्षण टीम ने ये गलती पकड़ ली।
सीवरेज की खामियां: देश की अधिकांश नगरीय निकायों में सीवरेज के बेहतर काम के अंंकों ने उन्हें टॉप पोजीशन दिलाई, लेकिन छिंदवाड़ा में स्थिति इससे अलग है। खराब सडक़ें, सालों से काम जारी होने के बाद एक फेज पूरा नहीं हो पाया है। हां, लेकिन इसकी वजह से शहर की खूबसूरती जरुर बिगड़ गई है।
इसमें बेहतर परफॉरमेंस
डोर टू डोर कलेक्शन: डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में निगम को 100 प्रतिशत अंक मिले है। एक-एक घर से कचरा कलेक्ट किया जा रहा है।
पब्लिक टॉयलेट: शहर के सार्वजनिक शौचालयों की सफाई में निगम नंबर-1 है। 100 में से 100 अंक हासिल हुुए है।
वॉटर सोर्सेस: शहर में मौजूद वॉटर सोर्सेस की सफाई में भी निगम ने बेहतर प्रदर्शन किया। यहंा भी 100 में से 100 अंक हासिल हुए।
साफ-सफाई: शहर के बाजार की सफाई में निगम को 86 प्रतिशत और रिहायशी एरिया की सफाई में 84 प्रतिशत अंक मिले है।
इनका कहना है...
- बेहतर प्रदर्शन करने का हमने प्रयास किया है। जो भी कमियां पाई गई है। इसका नए सिरे से रिव्यू कर इसे दूर करने की कोशिश करेंगे।
- विक्रम अहके
महापौर, नगर निगम
- कमियों की समीक्षा करेंगे, 2024 के सर्वेक्षण की तैयारी शुुरु कर दी गई है। 5 स्टार के लिए आवेदन करेंगे। वॉटर प्लस की भी तैयारी की जाएगी।
-राहुल सिंह
कमिश्नर, नगर निगम