ट्रेनिंग: मोरवा हवाई अड्डे पर उतरा 4 सीटर विमान
- चंद्रपुर में फ्लाइंग क्लब स्थापित कर छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा
- प्रशिक्षण के लिए उड़ान के घंटे पूर्ण करने में मिलेगी मदद
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। नक्सल प्रभावित और आदिवासी जिलों के युवा पायलट बन सकें इसके लिए चंद्रपुर में फ्लाइंग क्लब स्थापित कर छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा। नागपुर फ्लाइंग क्लब की सेस्ना-172आर. चार सीटों वाले विमान का मोरवा हवाई अड्डे पर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान विमान के टेक-ऑफ, लैंडिंग और वायुमार्ग में आने वाली बाधाओं के साथ-साथ प्रशिक्षण के लिए अन्य आवश्यक पहलुओं का अवलोकन किया गया।
पायलट बनने के लिए एक छात्र को 200 घंटे की उड़ान पूरी करनी होती है। लेकिन नागपुर के डाॅ. बाबासाहेब अांबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बड़ी संख्या में विमानों की आवाजाही के कारण पायलट प्रशिक्षण के लिए उड़ान के घंटे पूरे होने में देरी हो रही है। इसलिए नागपुर में फ्लाइंग क्लब के लिए वैकल्पिक परिचालन आधार के रूप में एक अलग रनवे की आवश्यकता है। इस संबंध में चंद्रपुर में मोरवा हवाई अड्डे का विकल्प तलाशा गया है और जिला प्रशासन मोरवा में छात्रों के पायलट प्रशिक्षण के लिए आवश्यक मामलों को पूरा करने का इरादा रखता है। इसी के तहत शुक्रवार 6 अक्टूबर को मोरवा हवाईअड्डे पर विमान का प्रारंभिक परीक्षण किया गया। विमान के पायलट कैप्टन इज़िलारसन और उनके दो साथी इंजीनियर सादत बेग और हरीश कश्यप विमान से ही नागपुर से मोरवा हवाई अड्डे पर पहुंचे। कुछ देर उड़ान भरने और अवलोकन करने के बाद विमान से नागपुर के लिए रवाना हो गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी विनय गौडा, जिला नोडल अधिकारी अजय चंद्रपट्टण, पीडब्ल्यूडी के अभियंता विष्णू ओडपल्लीवार, अमित पावडे आदि उपस्थित थे।