विकास की रफ्तार धीमी: रास्ते की धूल से खराब हो रहीं कपास और चने की फसल
कछुआ गति से चल रहा काम
डिजिटल डेस्क, चिमूर (चंद्रपुर) । खड़संगी-नंदोरी-हिंगणघाट प्रमुख राज्य मार्ग का काम पिछले एक वर्ष से ठेकेदार की लापरवाही की वजह से कछुआ गति से शुरू है। उखड़े हुए मार्ग से वाहनों के आवागमन की वजह से उड़ने वाली धूल कपास, चना की फसलों पर जम रही है, जिससे फसल का भारी नुकसान हो रहा है। सड़क किनारे वाले किसान परेशान हो रहे हैं।
चिमूर और हिंगणघाट विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ने वाली हिंगनघाट, नंदोरी-चिमूर राज्य सड़क का काम एक साल पहले शुरू हुआ था। सड़क का निर्माणकार्य शुरू होने पर सड़क की उपरी परत को उखाड़ दिया गया। इस वजह से मार्ग से आवागमन करने वालों को परेशानी सहनी पड़ रही है और सड़क किनारे खेतों में खड़ी फसलों का धूल से नुकसान हो रहा है। फसलों के पत्ते हरे की बजाय धूल के मटमैले रंग में तब्दील हो गए हैं। नतीजा रेंगाबोडी, चिचघाट, आमड़ी, खड़संगी के किसान परेशान हैं। वर्धा-चंद्रपुर जिले को जोड़ने वाला यह मुख्य मार्ग है। इस मार्ग का काम पिछले अनेक महीने से ठप पड़ा है। इसके बाजवूद हिंगणघाट और चिमूर के सत्ताधारी मौन धारण किए हैं। हिंगणघाट-नंदोरी-चिमूर प्रमुख जिला मार्ग का काम पिछले कुछ महीने पूर्व शुरू किया था। कोरा, वासी, आमड़ी ,रेंगाबोड़ी, खड़संगी मार्ग के गांव के समीप मुरुम, काली गिट्टी डालकर काम किया गया किंतु कुछ दिनों बाद ही यह काम बंद कर दिया गया। नतीजा मार्ग से वाहनों के आवागमन की वजह से उड़ने वाली धूल से फसल के पत्तों पर धूल की परत दिखाई दे रही है। वर्धा पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की लापरवाही के चलते धूल से फसलों पर अनेक रोग, कीट से उनका नुकसान हो रहा है।