टूरिज्म: ताड़ोबा में और महंगा हो सकता पर्यटन, शुल्क बढ़ाने तैयार किया जा रहा प्रस्ताव
- जिप्सी व पर्यटन शुल्क में बढ़ोतरी से संबंधित प्रस्ताव पेश करने के आदेश
- संभागीय आयुक्त ने स्थानीयों को प्राथमिकता देने पर दिया जोर
- वन्यजीवों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। ताड़ोबा जंगल में बड़े पैमाने पर देश-विदेश के सैलानी पर्यटन के लिए पहुंचते हैं जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो इसके लिए कौशल विकास का विशेष प्रशिक्षण शुरू करें। इरई सिंचाई प्रकल्प के बैक वॉटर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वन्यप्राणियों का विचरण है। लेकिन इस क्षेत्र में तारों का बाढ़ लगाकर खेती की जा रही है जिससे वन्यजीवों को पानी पीना संभव नहीं हो रहा है। महाजनको के माध्यम से सभी अतिक्रमण हटाकर वहां पौधारोपण जैसा उपक्रम चलाएं। पर्यटकांें के लिए उपलब्ध जिप्सी साथ ही पर्यटन शुल्क में बढ़ोतरी करने प्रस्ताव तैयार करने के आदेश संभागीय आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदरी ने दिए।
ताड़ोबा-अंधारी बाघ प्रकल्प अंतर्गत पर्यटन नियमन करने तथा बाघ प्रकल्प व आस-पास के क्षेत्र में सुविधा की दृष्टि से बढ़ोतरी करने संभागीय आयुक्त बिदरी की अध्यक्षता में गठित स्थानीय सलागार समिति की बैठक संभागीय आयुक्त कार्यालय में आयोजित की गई । बैठक में मार्गदर्शन करते हुएे वे बोल रहीं थीं। इस अवसर पर जिलाधिकारी विनय गौडा, ताड़ोबा-अंधारी बाघ प्रकल्प के उपसंचालक कुशाग्र पाठक, ताड़ोबा कोअर के उपसंचालक नंदकिशोर काले, अपर जिलाधिकारी श्रीकांत देशपांडे, मानद वन्यजीव रक्षक विवेक करंबलेकर, उपविभागीय अधिकारी शिवनंदा लंगडापुरे, मोहर्ली सरपंच सुनिता कातकर, कोलारा की शोभा कोइचाले, निसर्ग पर्यटन मंडल के धनंजय बापट, ट्रैक्स संस्था की पूनम धनवटे, इको-प्रो संस्था के बंडू धोतरे, मुकेश भांदककर, किरण मनुरे, योगेश दुधपचारे, अनिल तिवाडे, संजय मानकर, प्रफुल्ल सावरकर आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।
पर्यटकों के लिए निर्धारित कोर और बफर जोन में 150 से अधिक बाघ रहते हैं। इस क्षेत्र में पर्यटकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए गाइड, ड्राइवर एवं आतिथ्य उद्योग में रोजगार के विभिन्न अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इस क्षेत्र में लगभग 82 गांव हैं और 62 गांवों के परिवारों को विभिन्न रोजगार उपलब्ध कराए गए हैं। शेष गांवों के लिए विशेष प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के निर्देश आयुक्त बिदरी ने दिए।
ताड़ोबा आने वाले पर्यटकों के लिए एनआइसी द्वारा विकसित वेबसाइट से ऑनलाइन आरक्षण की सुविधा उपलब्ध है और पर्यटकों की सुविधा के लिए हेल्प लाइन नंबर, स्वतंत्र सहायता केंद्र उपलब्ध है। पर्यटन के विकास को प्रोत्साहित करते हुए पर्यटकों की प्रतिक्रिया को दर्ज करना और उसके अनुसार आवश्यक सुविधाएं तैयार करना आवश्यक है। पर्यटन विकास योजना तैयार करें जिसमें पर्यटन की दृष्टि से विभिन्न गतिविधियों को क्रियान्वित करते हुए पर्यटकों की भागीदारी कैसे बढ़ाई जाये इस पर विशेष बल दिया जाये, इसके लिये जिला योजना समिति के माध्यम से आवश्यक निधि उपलब्ध कराने की बात उन्होंन कहीं।
स्थानीयों को रोजगार में प्राथमिकता : आतिथ्य उद्योग में स्थानीय लोगों को तरजीह रोजगार दिया जाना चाहिए। स्थानीय परिवारों को प्राथमिकता देते हुए कम से कम 50 प्रतिशत रोजगार बफर क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को दिया जाना चाहिए। बफर क्षेत्र के सभी रिसॉर्ट्स, होमस्टे को नियमित करने के लिए निरीक्षण किया जाना चाहिए और अनियमित लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। इस क्षेत्र की सभी जिप्सियां स्थानीय होनी चाहिए और अनुमोदित पर्यटन योजना के अनुसार पंजीकृत होनी चाहिए। इस अवसर पर गाइडों को प्रशिक्षित कर उनकी गुणवत्ता बढ़ाने तथा विदेशी पर्यटकों को अंग्रेजी एवं हिन्दी भाषा का प्रशिक्षण, टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों, पक्षियों एवं वृक्षों की सम्पूर्ण जानकारी का विशेष प्रशिक्षण आयोजित करने के निर्देश दिये गये।