आक्रोश: गांव की बदनामी के खिलाफ एकजुट हुए ग्रामीण!
अवैध कारोबार करने वालेवालों के भ्रष्टाचार के मामले सामने ला रहे
डिजिटल डेस्क, चिमूर(चंद्रपुर)। तहसील के वाहानगांव के सरपंच प्रशांत कोल्हे पिछले 13 वर्ष से उपसरपंच और सरपंच के रूप में काम कर रहे हैं। उनकी पहल पर गांव में विकास कार्य और सामाजिक कार्य चल रहे हैं। कुछ अवैध कारोबार करने वालेवालों के भ्रष्टाचार के मामले सामने ला रहे हैं। इस कारण वे लोग गांव और सरपंच प्रशांत कोल्हे को बदनाम करने के साथ-साथ सामाजिक माहौल को खराब कर रहे हैं।
कोल्हे की बदनामी करने का षड़यंत्र रच रहे हैं जिससे इस मामले की गहन जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, अन्यथा ग्रामीण आंदोलन करेंगे ऐसी चेतावनी वाहनगांव के नागरिकों ने बुधवार को आयोजित पत्रपरिषद में दी। वाहानगांव ग्राम पंचायत के सरपंच प्रशांत कोल्हे पिछले तीन पंचवर्षीय अवधि से गांव के उप-सरपंच और सरपंच के रूप में काम कर रहे हैं। उनके कार्यकाल के दौरान, गांव के नागरिक भरोसे के साथ गांव के मामलों को चला रहे हैं। समुदाय के सदस्य गांव में सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं, इसलिए गांव में कोई जातिवाद नहीं है और समुदाय के सभी सदस्य सद्भाव से रह रहे हैं।
उनके माध्यम से छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जयंती, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज पुण्यतिथि जैसे अनेक सार्वजनिक कार्यक्रम गांव में आयोजित किए जाते हैं जिससे गंांव में किसी प्रकार का जातीयवाद न होकर सभी समाज मिलजुलकर रहते हंै। लेकिन कुछ अवैध व्यवसाय करने वाले लोगों के अवैध व्यवसाय बंद कए गए व तत्कालीन राशन दुकानदार को राशन की कालाबाजारी करते रंगेहाथ पकड़ा गया था।जिन पर अपराध दर्ज किए गए थे। इसके बाद राशन दुकान आदिवासी संस्था को दिया गया था जिससे ये लोग गांव के सरपंच प्रशांत कोल्हे को बदनाम करने वह जातिवादी, संविधान विरोधी है एेसा प्रचार समाज में कर गांव तथा सरपंच प्रशांत कोल्हे की बदनामी कर रहे हैं। इस मामले की गहन जांच करें यदि सरपंच कोल्हे अपराधी है, तो कार्रवाई करें। अन्यथा सात दिन के भीतर सूरज रामटेके, जगदीश मेश्राम मकोना, प्रियंका ठमके, सुनील गेडाम लाटबोरी पर कारवाई करें। अन्यथा वाहांनगाव के आदिवासी, माना, बौद्ध, ओबीसी समाज द्वारा आंदोलन करने की जानकारी पत्र-परिषद में वाहांगाव के नागरिकों ने दी है। पत्र-परिषद में उपसरपंच हरिभाऊ दडमल, राहुल गौरकर, शंकर ननावरे, मनोज मेश्राम, बंडू भोयर, नरेश नैताम, अरविंद ठुटे, मुकेश मसराम, नरेश नरुले, शिवा पेंदाम आदि ग्रामीण उपस्थित थे।