एहतियात: इरई नदी बाढ़ लाइन का दोबारा सर्वे करें : मुनगंटीवार
खतरा रोकने एहतियात बरतना जरूरी
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। इरई नदी चंद्रपुर शहर के पास है और यह औसतन सात किलोमीटर तक शहर के समानांतर बहती है। साल 2013, 2020 और 2022 में इरई नदी में बड़ी बाढ़ आई थी। हालांकि, इरई नदी में बाढ़ आने और बांध के सभी गेट खुलने के बाद भी, पिछले 20 वर्षों में कुछ क्षेत्रों में पानी कभी नहीं पहुंचा है, एेसी एमआर सैक की रिपोर्ट है। इस कारण वास्तविक स्थिति को ध्यान में रखते हुए व्यावहारिक सर्वेक्षण करना आवश्यक है। केवल कागजी और विवेकपूर्ण सर्वेक्षण पर निर्भर रहने से शहर को नुकसान होगा और अवैध निर्माण बढ़ेंगे। इसलिए, संबंधित प्रणाली को एक बार फिर तथ्य-आधारित सर्वेक्षण करना चाहिए, उक्त निर्देश वन, सांस्कृतिक, मत्स्य पालन मंत्री और चंद्रपुर जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार दिए। वे इरई नदी बाढ़ नियंत्रण रेखा निर्धारण को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। इस अवसर पर जिलाधिकारी विनय गौड़ा जी.सी. , जल संसाधन विभाग के अधीक्षक अभियंता पद्माकर पाटील, चंद्रपुर मनपा आयुक्त विपिन पालीवाल आदि उपस्थित थे।
बाढ़ रेखा दर्शक मानचित्र के अनुसार, चंद्रपुर शहर में नीली बाढ़ रेखा से प्रभावित क्षेत्र लगभग 450 हेक्टेयर है। चंद्रपुर शहर तीन तर फ से जंगल से घिरा हुआ है, इसलिए यह क्षेत्र शहर के विकास के लिए बना हुआ है। अब, इस क्षेत्र में विकास परमिट रोक दिए गए हैं, इसलिए इस क्षेत्र में अनधिकृत निर्माण शुरू हो गए हैं। किसी भी नदी की बाढ़ रेखा का निर्धारण करना सिंचाई विभाग के अधिकार क्षेत्र का मामला है और सर्वेक्षण, प्रतिकृति अध्ययन, मानचित्र तैयार करना और उसका अनुमोदन करना सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी है। नदी की बाढ़ रेखा के संदर्भ में सर्वेक्षण या प्रतिकृति अध्ययन चंद्रपुर महानगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में नहीं है और इस संबंध में सरकार से कोई आधिकारिक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। पालकमंत्री की अध्यक्षता में 24 सितंबर 2022 को आयोजित बैठक के अनुसरण में 2 अगस्त 2013 और 15 जुलाई 2022 को इरई नदी बाढ़ लाइन के माइक्रोवेव उपग्रह डेटा और मानचित्र प्राप्त करने के लिए एमआरएसएसी नागपुर को शुल्क भुगतान कर दिया गया है। एसएसी के निदेशक से प्राप्त मानचित्र के अनुसार 22 नवंबर 2023 को चंद्रपुर शहर नगर निगम की ओर से जानकारी दी गई कि बाढ़ लाइन के संबंध में रिपोर्ट पालकमंत्री मुनगंटीवार को सौंपी गई है।