बाघ: चार दिन बाद दिखा "छोटा मटका'

ट्रैप कैमरे में हुआ कैद

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-18 13:01 GMT

डिजिटल डेस्क, चिमूर(चंद्रपुर) । ताड़ोबा के खड़संगी बफर वन क्षेत्र अंतर्गत वाहानगांव खेत परिसर में मंगलवार को छोटा मटका और बजरंग नामक दो बाघों के बीच हुए संघर्ष में बजरंग की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि छोटा मटका गंभीर रूप से घायल होकर जंगल की ओर भाग गया था। जिसके चलते खडसंगी प्रादेशिक वन और बफर वनपरिक्षेत्र अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा चलाए गए सर्च आपरेशन के दौरान चार दिन बाद शुक्रवार को छोटा मटका बाघ कोलारा वन परिक्षेत्र के नवेगांव माडो परिसर के कक्ष क्रमांक 57 के ट्रैप कैमरे में कैद हुआ।

जिसमें वह बेहतर दिखाई दे रहा है। लेकिन फिर भी छोटा मटका को उपचार की आवश्यकता तो नहीं है, इस दृष्टि से चिमूर वन परिक्षेत्र प्रादेशिक वन विभाग के वनपरिक्षेत्र अधिकारी किशोर देऊरकर व खडसंगी(बफर)वन परिक्षेत्र के वनपरिक्षेत्र अधिकारी किरण धानकुटे के साथ निमढेला क्षेत्र सहायक बी.आर. रंगारी, क्षेत्र सहायक आर.जे. गेडाम, वनरक्षक जी.एम. हिंगणकर, निखिल बोडे, संतोष लोखंडे, चेतन कोटेवार, एसटीपीएफ, पीआरटी कर्मचारी उस पर नजर बनाये हुए हैं।

गौरतलब है कि चिमूर प्रादेशिक वन परिक्षेत्र अंतर्गत आनेवाले वाहानगांव मंे किसान सुभाष दोडके के खेत में छोटा मटका और बजरंग नामक बाघों के बीच लड़ाई हुई थी। लड़ाई इतनी भयानक थी कि बजरंग के गर्दन, सिर, पैर पर गंभीर चोटें लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई और छोटा मटका भी गंभीर रूप से घायल हो गया था। घटना के बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान टैप कैमरे में कैद छोटा मटका के सामने के दाहिने पैर और शरीर पर मामूली चोटें देखी गईं थी। ऐसे में उसे उपचार की आवश्यकता तो नहीं है, इस दृष्टि से वनविभाग की ओर से छोटा मटका का सर्च आपरेशन जारी है। यहां परिसर के 15 ट्रैप कैमरे के साथ खडसंगी बफर और प्रादेशिक वनपरिक्षेत्र अंतर्गत अधिकारी, कर्मचारी, कुटी मजदूर, वन मजदूर, गाइड, अलीझंझा, निमढेला पर्यटन गेट के गाइड, जिप्सी ड्राइवर-मालिक ऐसे कुल 65 वन कर्मचारी मंगलवार की रात से घटनास्थल और अन्य परिसर में पैदल गश्त कर रहे हंै। दो दिनों तक छोटा मटका के दिखाई न देने से चिंता बढ़ गई थी, किंतु आज शुक्रवार को कक्ष क्र. 57 के ट्रैप कैमरे में घायल छोटा मटका कैद होने पर थोड़ी राहत महसूस की है।

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