रोशनी: 76 वर्ष बाद आदिम आदिवासियों के घरों से दूर हुआ अंधेरा, पहुंची बिजली
जिवती तहसील के आदिम जनजाति के घर हुए रोशन
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर । एक ओर जहां देश ने सूरज का अध्ययन करने के लिए उड़ान भरी है तो दूसरी ओर आज भी ऐसे गांव और समाज के घटक हैं, जिनके घरों में आज भी अंधेरा है। ऐसे में चंद्रपुर जिले के आदिवासी दुर्गम जिवती तहसील के आदिम जनजाति के कुछ घरों में स्वतंत्रता के 76 वर्ष बाद बिजली पहुंची है और उनके घर से अंधेरा दूर हुआ है। बिजली आने से लाभार्थियों के चेहरों पर खुशी आ गई। बता दें कि आदिवासी दुर्गम क्षेत्र के लोग लंबे समय से बिजली का इंतजार कर रहे थे। पीएम जनमन योजना के तहत उनके घर रोशन होने से उनका घर में बिजली का सपना पूरा हुआ है।
महावितरण ने 12 दिन में लक्ष्य किया पूरा :गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के आदिम जनजाति के सर्वांगीण विकास के लिए शुरू की प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय अभियान (पीएम जनमन) योजना अंतर्गत राज्य के दुर्गम क्षेत्र के आदिम जनजाति के 2 हजार 395 घरों को बिजली आपूर्ति करने का लक्ष्य दिया गया था, जिसे महावितरण ने 12 दिन में पूर्ण किया है। आदिम जनजाति के 2454 घराें में नए वर्ष के पहले दिन प्रकाश पहुंचाने में सफलता मिली। आदिम जनजाति के लिए राज्य में विविध विभाग द्वारा 15 नवंबर 2023 से कार्यवाही शुरू की गई। महाराष्ट्र में विशेष दुर्बल आदिवासी में से सर्वे में बिना बिजली आपूर्ति वाले 2395 लाभार्थियों को बिजली आपूर्ति की गई। महावितरण को उपलब्ध हुए सर्वे में चंद्रपुर जिला समेत नांदेड, नाशिक, पालघर, रायगड, सिंधुदूर्ग, यवतमाल जिला तथा वसई परिसर में देश की स्वतंत्रता के इतने वर्ष बाद भी बिजली से वंचित आदिम जनजाति के 2395 घर रोशन हुए।
जिवती तहसील के 20 मकान जगमगाए : आदिवासी दुर्गम जिवती तहसील के बोकसापुर के भीमू पोटा आत्राम, बालू भीमू आत्राम, नायकू आत्राम, मूटा पोटा आत्राम, देवराव मेंगु मडावी, भीमबाई आनंदराव सिडाम, पोसीगा पागू सिडाम, भीमा लेटू आत्राम, ध्रुपताबाई मारोती सिडाम, जैतु गंगु आत्राम, भीमराव भीमू आत्राम, मरू पागु सिडाम, भीमू पोसुगा आत्राम, भीमराव जैतु आत्राम, भीमबाई नायकु आत्राम, नांदप्पा निवासी तुकाराम मूत्ता सिडाम, मेंगू रामू आत्राम, माणीकराव रामू आत्राम, रामबाई रामू आत्राम, मांगली देवतले निवासी फकरू किसन ढोबरे के यहां बिजली पहुंची।