योजना: मूल में राज्य का सर्वोत्तम कृषि महाविद्यालय बनेगा
पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के प्रयास
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। युवाओं का कृषि के प्रति रुझान बढ़ाने तथा उन्हें कृषि के क्षेत्र में तकनीकी एवं गहन ज्ञान देने के लिए डाॅ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से मूल में एक कृषि महाविद्यालय स्थापित करने का संकल्प लिया गया है। राज्य के वन, सांस्कृतिक कार्य, मत्स्यपालन मंत्री और चंद्रपुर जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने आश्वासन दिया कि यह कॉलेज कृषि क्षेत्र के विकास के लिए राज्य में सर्वश्रेष्ठ होगा।
मूल में कृषि महाविद्यालय के निर्माण के लिए वन भूमि के हस्तांतरण और विशेष निधि की उपलब्धता के संबंध में वानामती (नागपुर) में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस समय मुनगंटीवार बोल रहे थे। कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और चंद्रपुर के संरक्षक सचिव अनुप कुमार, वन विभाग के प्रधान सचिव वेणुगोपाल रेड्डी, प्रधान मुख्य संरक्षक और वन बल प्रमुख शैलेश टेंभुर्निकर, डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. शरद गडाख, जिलाधिकारी विनय गौड़ा, कृषि विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. सी. श्यामसुंदर माने, रजिस्ट्रार सुधीर राठोड, एस.बी.ए. अधीक्षण अभियंता अरुण गाडेगोन, कार्यकारी अभियंता मुकेश तंगले आदि उपस्थित थे। मुनगंटीवार ने कहा कि किसान अन्न उगाता है, इसलिए कृषि क्षेत्र के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी। कृषि क्षेत्र का बजट 4 हजार करोड़ से कम से कम 10 हजार करोड़ होना चाहिए, इसके लिए मामला कैबिनेट में रखा जाएगा। मूल में कृषि महाविद्यालय के स्थान के संबंध में अगले 10 दिनों के भीतर निर्णय लिया जाना चाहिए। आवश्यक जगह उपलब्ध न होने पर मूल स्थित कृषि महाविद्यालय के लिए वनविभाग की जमीन देने 13 करोड़ 48 लाख रुपए विशेष निधि भरने संदर्भ में सरकार निर्णय निकालेगी।
अकोला स्थित डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के तहत मूल में सरकारी कृषि महाविद्यालय की स्थापना के लिए 28 फरवरी 2019 को मंजूरी दी गई है। इसके अनुसार विश्वविद्यालय को अब तक 35 करोड़ का अनुदान वितरित किया जा चुका है। कृषि महाविद्यालय सत्र 2019-20 से मूल-मरोड़ा स्थित कृषि तंत्र विद्यालय के उपलब्ध भवन में प्रारंभ किया गया है। उक्त कॉलेज को 1 अक्टूबर 2022 से मॉडल स्कूल, मूल में पट्टे पर स्थानांतरित कर दिया गया है। वर्ष 2023-24 के कृषि शैक्षणिक सत्र में बी.एससी. (ऑनर्स) में कुल 189 विद्यार्थी अध्ययनरत है। भविष्य में कृषि महाविद्यालय और संबंधित क्षेत्रों में विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या, विभिन्न इकाइयां, खेल के मैदान, नए भवनों का निर्माण, विभिन्न कार्यालय, कक्षाएं, कृषि विषयों के लिए 17 विभिन्न प्रयोगशालाएं, लड़कों और लड़कियों के लिए छात्रावास, रोजगार सृजन केंद्र , कृषि प्रयोगों के लिए प्रक्षेत्र आदि महाविद्यालय के लिए 40 हे.आर. सीमा 39.50 है. आर भूमि प्रस्तावित है।