Chandrapur News: ओड़िशा भिजवायी जाएंगी चंद्रपुर की दो बाघिन ,राष्ट्रीय बाघ संवर्धन प्राधिकरण ने दी अनुमति

ओड़िशा भिजवायी जाएंगी चंद्रपुर की दो बाघिन ,राष्ट्रीय बाघ संवर्धन प्राधिकरण ने दी अनुमति

    Chandrapur News बाघों का घर ताड़ोबा अंधारी बाघ प्रकल्प की दो बाघिनों का ओड़िशा के जंगल में स्थानांंतरण होने जा रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय बाघ संवर्धन प्राधिकरण (एनटीसीए) ने बाघिनों के स्थानांंतरण की अनुमति दी है। उन्हें ‘सॉफ्ट कैप्चर’ से भेजने की कार्रवाई शुरू हो गई है।

    अकेले चंद्रपुर जिले में 200 से अधिक बाघ हैं जिससे यहां हमेशा मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं आम हो गयी हैं। अन्य कहीं भी बाघ चाहिए, तो ताड़ाेबा बाघ प्रकल्प की ओर देखा जाता। बाघों का घर माने जानेवाले इस प्रकल्प से दो बाघिन ओड़िशा के सीमलीपाल बाघ प्रकल्प में पहुंचेगी। ताड़ाेबा के प्राकृतिक माहौल में बाघों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ताड़ोबा बाघ प्रकल्प से ओड़िशा के सीमलीपाल बाघ प्रकल्प में इन बाघों काे भेजा जाएगा। इसके पूर्व नागझिरा में ताड़ोबा के बाघ भेजे गए थे। उसके बाद सह्यांद्री बाघ प्रकल्प में दो बाघों को भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। अब सीधे ओड़िशा में भी ताड़ोबा की बाघिन पहुंचेगी। ताड़ाेबा अंधारी बाघ प्रकल्प से ओड़िशा के मयूरभंज जिले के ‘एसटीआर’ में स्थानांंतरण का कृति प्रारूप तैयार करने इन दोनों बाघ प्रकल्पों के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक हुई जिसके अनुसार 25 लोगों की एक टीम ताड़ोबा आकर गई। इसमें से कुछ अधिकारी अब भी ताड़ोबा के उस बाघिन की हलचल तथा तकनीकी बातों का अभ्यास कर रहे हैं।

    प्रक्रिया कब शुरू होगी बता नहीं सकते : ताड़ोबा अंधारी बाघ प्रकल्प की दो बाघिन को पकड़कर ओड़िशा के एसटीआर प्रकल्प में छोड़ने की प्रक्रिया कब पूर्ण होगी यह बता नहीं सकते। क्यों कि बाघ कब मिलेगा यह तय नहीं रहता। नागझिरा में भेजी गई बाघिन को पकड़ने 9 महीने लगे थे। किस बाघिन को पकड़ेंगे यह अब तक तय नहीं हुआ। लेकिन यह तय है, कि वह तीन से पांच वर्ष की, मनुष्य पर हमला न करने वाली ऐसी है। उन्हंे ढुंढकर बेहोश करना इतना आसान नहीं। यह ‘सॉफ्ट कैप्चर’ तथा ‘सॉफ्ट रिलीज’ का प्रयोग रहता। -डॉ.जितेंद्र रामगावकर, वनसंरक्षक तथा क्षेत्र संचालक ताड़ोबा

    Created On :   24 Oct 2024 11:44 AM GMT

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