विकास: चंद्रपुर के प्राचीन मंदिरों, किलों का होगा कायाकल्प

  • 57 करोड़ 96 लाख का प्रस्ताव, 14 पुरातत्व स्थल शामिल
  • पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने किए थे प्रयास

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-25 07:42 GMT

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। चंद्रपुर जिले में प्राचीन स्थलों का कायाकल्प करने के लिए, वन, सांस्कृतिक मामलों और मत्स्य पालनमंत्री और जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार की पहल पर 57 करोड़ 96 लाख 95 हजार 375 रुपए की निधि प्रस्तावित की गई है। इस निधि से जिले के 14 प्राचीन स्थलों का विकास किया जाएगा। इस संबंध में मुनगंटीवार ने प्लानिंग हॉल में समीक्षा की। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष हरीश शर्मा, पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष देवराव भोंगले, महानगर अध्यक्ष राहुल पावड़े, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष संध्या गुरनुले, जिलाधिकारी विनय गौड़ा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक जॉनसन, जिला पुलिस अधीक्षक रवींद्रसिंह परदेशी, सहायक जिलाधिकारी मुरुगनाथम एम., पुरातत्व विभाग के संचालक तेजस गर्गे, सहायक संचालक अमोल गोटे आदि उपस्थित थे। चंद्रपुर में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत है। 

इतिहास में उल्लेख है कि गोंड राजा खांडक्या बल्लारशाह ने तेरहवीं शताब्दी में चंद्रपुर शहर की स्थापना की थी। जिले में कई प्राचीन मंदिर, प्राचीन किले और इमारतें हैं। पालकमंत्री मुनगंटीवार की कोशिशें अब उनकी तस्वीर बदलने जा रही हैं। मुनगंटीवार ने कहा, प्राचीन स्थलों को विकसित करते समय स्थानीय नागरिकों को काम की गुणवत्ता, मानक और गति पर नजर रखनी चाहिए। पुरातत्व विभाग को प्रत्येक स्थान पर पांच से छह नागरिकों की एक टीम बनानी चाहिए।

योजना बनाई जाए कि जनभागीदारी से ही इन स्थानों का विकास किया जाएगा। प्रत्येक स्थान पर कार्यों की जानकारी देने वाला एक बोर्ड तथा संबंधित ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी देने वाला दूसरा बोर्ड लगाया जाए। इसमें क्यूआर कोड शामिल होना चाहिए। सिद्धेश्वर मंदिर को ‘बी' श्रेणी का दर्जा दिलाने के लिए प्रशासन को प्रस्ताव प्रस्तुत करना चाहिए। चंद्रपुर महानगर पालिका के अंतर्गत तीन बार के काम में सुधार लाने, माणिकगढ़ किले का मुख्य प्रवेश द्वार बनाने का भी निर्देश पालकमंत्री मुनगंटीवार ने पुरातत्व विभाग को दिया।

पर्याप्त प्रावधान : पुरातत्व विभाग राज्य में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के विकास के लिए जिम्मेदार है। प्रारंभ में इस विभाग का बजट मात्र 22 करोड़ रुपए प्रति वर्ष था। वित्तमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सुधीर मुनगंटीवार ने इस विभाग के लिए 500 करोड़ रुपए मंजूर किए थे।

गाइड प्रशिक्षण संस्थान होगा : राज्य की ऐतिहासिक विरासत को देखने के साथ-साथ नागरिकों को इसके बारे में जानकारी भी मिलनी चाहिए। नागरिकों तक सही और सटीक जानकारी पहुंचे इसके लिए राज्य में एक गाइड प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की योजना है।

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