भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में दीक्षारंभ हुआ संपन्न

  • लर्निंग को आजीवन अपनी लाइफ का अहम हिस्सा बना कर रखिएगा: डॉ अदिति चतुर्वेदी वत्स
  • चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए तत्पर रहिए: डॉ राजीव अग्रवाल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-08 14:08 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का दो दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम आयोजित किया गया। दीक्षारंभ के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय की प्रो चांसलर डॉ अदिति चतुर्वेदी वत्स, बतौर मोटिवेशनल स्पीकर अनन्या पैकेज प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी और मंडीदीप इंडस्टरीज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ राजीव अग्रवाल, विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक्स डॉ संजीव कुमार गुप्ता और कार्यक्रम समन्वयक डॉ प्रतीक निगम विशेष रूप से उपस्थित थे। वहीं समापन अवसर पर वरनेट ग्रुप भोपाल के निदेशक मधुर जैन बतौर मोटिवेशनल स्पीकर, राहुल सिंह परिहार, ईटीआई प्रशिक्षक एवं कार्यक्रम अधिकारी मुक्त इकाई बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, डॉ अनंत कुमार सक्सेना, समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल उपस्थित थे।

इस अवसर पर डॉ अदिति चतुर्वेदी वत्स ने युवा विद्यार्थियों का स्वागत करते कहा कि आपका विश्वविद्यालय में गोल्डन पीरियड आफ लाइफ है। आप सब अपने भविष्य को संवारने के लिए अपने फैसले खुद लेंगे और इसकी जिम्मेदारी भी आपकी ही होगी। यूनिवर्सिटी लाइफ को डिसिप्लिन में रखिएगा। अब आपकी लाइफ के उतार चढ़ाव को आप करीब से देखेंगे। यह रियल वर्ल्ड है आपको इसे पूरी निष्ठा, ईमानदारी, हार्ड वर्क से ही जीत सकते हैं। विश्वविद्यालय से आप अगले चार-पांच वर्षों में अपना भविष्य सुनहरा बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत करिए, हम आपके साथ हर कदम पर हैं। इस दौरान उन्होंने नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों को अवगत कराया। उन्होंने आगे विद्यार्थियों को बताया कि आज मेंटल स्ट्रेस को कंट्रोल करने के लिए खुलकर बात करिए, आप स्ट्रेस से बाहर आ जाएंगे। लर्निंग को आजीवन अपनी लाइफ का अहम हिस्सा बना कर रखिएगा। आपको जीत से कोई नहीं रोक पाएगा।

इस मौके पर डॉ राजीव अग्रवाल ने विद्यार्थियों को मोटिवेट करते हुए कहा कि आप इस लाइफ को उत्सव के रूप में जिएं। उन्होंने छात्रों को पेंसिल की स्टोरी पर बातें रखते हुए पांच बातें याद रखना को कहा, पहला - तुम अपनी जिंदगी में कुछ कर सकते हो अगर अपने आप को सही हाथों में सौंप दो, दूसरा - इरेज़र की तरह तुम्हें गलतियां ठीक करने का मौका मिलेगा, तीसरा - तुम्हारे बाहर क्या है इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा तुम्हारे अंदर क्या है इससे फर्क पड़ेगा वही तय करेगा तुम क्या कर सकते हो, चौथा - शार्पनर से जब पेंसिल को छिला जाता है वैसे ही तुम्हें कभी-कभी बहुत दुखदाई पीड़ाओं से गुजरना पड़ेगा तभी तुम सक्सेस तक पहुंच पाओगे, पांचवा - जहां चलोगे वहां पर अपने निशान छोड़ जाओगे। तो आप अब अपने आप को विश्वविद्यालय के हाथों में छोड़ दीजिए। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को कहा की चुनौतियां आपको ईश्वर तभी देता है जब आपको गढ़ना चालू कर देता है, इसलिए चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए तत्पर रहिए। वहीं डॉ संजीव कुमार गुप्ता जी ने विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए उन्हें विश्वविद्यालय की गतिविधियों से अवगत कराया।

 

दीक्षारंभ के दौरान विश्वविद्यालय की सभी फैकेल्टी, सेंटर आफ एक्सीलेंस, अटल इनक्यूबेशन सेंटर, एनसीसी, एनएसएस और स्पोर्ट्स के अध्यापकगण और अधिकारियों ने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में होने वाली गतिविधियों से रूबरू करवाया। वहीं यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार एंटी रैगिंग, सेक्सुअल हैरेसमेंट आदि कमेटियों के चेयरपर्सन ने विद्यार्थियों को जानकारी साझा की और उन्हें आस्वस्थ किया कि आप इस विश्वविद्यालय में निर्भीक होकर के अपने अध्ययन पर, अपने करियर पर ध्यान दीजिए।

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