भोपाल: टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केन्द्र का संचालन विश्व के 30 से अधिक देशों में होगा
- वैश्विक स्तर पर हिंदी के प्रचार–प्रसार और पठन–पाठन का केन्द्र बिंदु होंगे टैगोर अंतरराष्ट्रीय केन्द्र – संतोष चौबे
- एक करोड़ लोगों को जोड़ेंगे हिंदी शिक्षण कार्यक्रम से – संतोष चौबे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हमारे लिए यह बहुत गर्व का विषय है कि पूरे विश्व में हिंदी की स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है। भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी भाषा शिक्षण को कौशल के रूप में रेखांकित किया गया है। विदेशों में भारतीय संस्कृति को जानने और हिंदी सीखने का रूझान काफी बढ़ रहा है। इसी तरह भारत के हिंदीतर भाषी राज्यों खासकर उत्तर पूर्वी एवं दक्षिण के राज्यों में भी हिंदी सीखने वालों की मांग बहुत बढ़ी है।
हिंदी की विश्व व्यापी स्थिति को सुदृढ़ करने हेतु 'विश्व रंग' के अंतर्गत 'टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र' की स्थापना रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल के परिसर में की गई है। उल्लेखनीय है कि विश्व रंग महोत्सव में माननीय श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक', पूर्व शिक्षा मंत्री, भारत सरकार के करकमलों से भव्य समारोह पूर्वक इसका उद्घाटन किया गया है। अब इस आंतरराष्ट्रीय हिंदी केन्द्र के अंतर्गत विश्व के 30 से अधिक देशों की संस्थाओं और विश्वविद्यालयों में हिंदी के प्रचार–प्रसार और विधिवत पठन–पाठन के लिए संबद्धता प्राप्त कर अपने #देश–ब्रिटेन, अमेरिका, नीदरलैंड्स, सिंगापुर, मॉरीशस, रूस, सूरीनाम, बेल्जियन, यूएई, आस्ट्रेलिया, आयरलैंड, कनाडा, न्यूजीलैंड, नेपाल, स्पेन, स्विट्जरलैंड, श्रीलंका, जापान, थाइलैंड, मलेशिया, पुर्तगाल, यूक्रेन, उजबेकिस्तान, चीन, वियतनाम, जर्मनी, कतर, केन्या, इंडोनेशिया आदि में अंतरराष्ट्रीय हिंदी केन्द्रों की स्थापना कर ली गई है।
इसके अंतर्गत वैश्विक स्तर पर हिंदी शिक्षण के लिए रचनात्मकता और पठनीयता पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए 'हिंदी शिक्षण पाठ्यक्रम' का निर्माण अत्यंत गंभीरता के साथ किया गया है। इसके लिए व्यवस्थित परीक्षा और स्टैंडर्ड सर्टिफिकेशन की व्यवस्था भी की गई है। इस हिंदी शिक्षण पाठ्यक्रम के द्वारा ऑनलाइन- ऑफलाइन दोनों माध्यम से बहुत ही रोचकता के साथ हिंदी सीखी जा सकेगी। आगामी वर्षों में हम एक करोड़ लोगों को हिंदी शिक्षण कार्यक्रम से जोड़कर लाभान्वित करेंगे। इसके लिए हिंदी शिक्षण पाठ्यक्रम' को वैश्विक परिदृश्य के अनुसार हिंदी, अंग्रेजी और रोमन लिपि में प्रवासी भारतीयों और हिंदी सीखने वाले विभिन्न देशों के स्थानीय परिवेश को समाहित करते हुए डिजिटल स्वरूप में ही विकसित किया गया है। शीघ्र ही यह 'हिंदी शिक्षण पाठ्यक्रम' एंड्रॉइड फोन पर ऐप के जरिए भी हिंदी शिक्षण के लिए वैश्विक स्तर पर उपलब्ध होगा। उक्त विचार वरिष्ठ कवि-कथाकार, निदेशक, विश्व रंग एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने व्यक्त किए।
आपने आगे बताया कि विश्व रंग के अंतर्गत 'हिंदी शिक्षण पाठ्यक्रम' के साथ-साथ हिंदी पठन- पाठन के लिए और भी रोचक और पठनीय डिजिटल सामग्री का निर्माण किया जा रहा है। लोगों तक इसकी पहुँच को भी आसान बनाया गया है। हमारे नेटवर्क का मूल आधार हिंदी ही हैं।अंतरराष्ट्रीय हिंदी केन्द्र अन्य देशों के हिंदी पाठ्यक्रमों का प्रमाणीकरण भी करेगा। इसकी शुरुआत यू.के. हिंदी समिति के पाठ्यक्रम से की गई है। केन्द्र के माध्यम से विदेशी भाषाओं के साहित्य को हिंदी में अनुवाद करने की परियोजना को भी मूर्त रूप दिया जाएगा। यह केन्द्र वैश्विक स्तर पर प्रवासी भारतीयों की हिंदी भाषा एवं साहित्य की गतिविधियों को एक मंच पर लाने का महत्वपूर्ण कार्य भी करेगा। इस दिशा में वैश्विक स्तर पर रचनात्मक भूमिका निभा रहे डॉ. जवाहर कर्नावट, को टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केन्द्र का निदेशक बनाया गया है।
विश्व रंग ने वैश्विक स्तर पर इस दिशा में बहुत ही सार्थक और सराहनीय कार्य किया है। टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केन्द्र और वैश्विक स्तर पर हिंदी शिक्षण कार्यक्रम भी इस दिशा में मिल का पत्थर साबित होगा।
टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल से संबद्ध संस्थाएँ :
डॉ संध्या सिंह, सिंगापुर संगम, सिंगापुर, सुश्री प्रगति टिपणिस, हिंदुस्तानी समाज, रूस, सुश्री शर्मिला रामरतन, सूरीनाम हिंदी परिषद, सूरीनाम, सुश्री अनीता कपूर, ग्लोबल हिंदी ज्योति, अमेरिका, श्री अनूप भार्गव, झिलमिल, अमेरिका, श्री रामा तक्षक, साझा संसार, नीदरलैंड्स, श्री कपिल कुमार, वैश्विक भाषा कला एवं संस्कृति संगठन, बेल्जियम, डॉ. आरती गोयल लोकेश, वागीश, अंतरराष्ट्रीय संस्था, यूएई, सुश्री रेखा राजवंशी, 'इलासा' इंडियन लिटरेरी एंड आर्ट सोसाइटी ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया, सुश्री भावना कुँवर, आस्ट्रेलियांचल, ऑस्ट्रेलिया, श्री अभिषेक त्रिपाठी, हिंदी आयरलैंड, आयरलैंड, सुश्री शैलजा सक्सेना, हिंदी राइटर्स गिल्ड, कनाडा, श्री रोहित कुमार 'हैप्पी', भारत दर्शन, न्यूजीलैंड, सुश्री श्वेता दीप्ति, हिमालिनी, नेपाल, सुश्री मोनी विजय, शेयर योर ह्यूमैनिटी वैश्विक मंच, नेपाल, सुश्री पूजा अनिल, हिंदी गुरुकुल, स्पेन, सुश्री शिवानी रावल, हिंदी स्कूल, स्विट्जरलैंड, सुश्री अतिला कोतलावल, हिंदी संस्थान, श्रीलंका, सुश्री वंदना मुकेश, गीतांजलि बहुभाषी साहित्य समुदाय, बर्मिंघम, यू.के., डॉ. शिप्रा शिल्पी सक्सेना, वैश्विक हिंदी शाला 'विहस', जर्मनी, सुश्री शिखा अजय रस्तोगी, ग्लोबल इंडियन इंटरनेशनल स्कूल, थाईलैंड, सुश्री रमा शर्मा, हिंदी की गूँज, जापान, सुश्री सुभाषिनी लता कुमार, हिंदी परिषद, फीजी, सुश्री अंजू पुरोहित, हिंदी है हम, मलेशिया, सुश्री शालिनी वर्मा, नवचेतना पत्रिका, कतर, श्री अभिजीत गुप्ता, हिंदी संस्थान, केन्या, श्री ई.मादे. धर्मयश, इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ कल्चर एंड आर्ट फॉर इंडोनेशिया, इंडोनेशिया
टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल से संबंध विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि :
सुश्री हंसा दीप, यूनिवर्सिटी आफ टोरंटो, कनाडा, श्री शिव कुमार सिंह, लिस्बन विश्वविद्यालय, पुर्तगाल, डॉ. मोहनकांत गौतम, लाइडन, यूनिवर्सिटी, नीदरलैंड्स, श्री यूरी बोत्वीकिन, यूक्रेन विश्वविद्यालय, यूक्रेन, श्री वेदप्रकाश सिंह, ओसाका विश्वविद्यालय, जापान, सुश्री उल्फत मुखीबोवा, महात्मा गाँधी भारत विद्या केंद्र, ताशकंद राजकीय प्राच्य विद्या विश्वविद्यालय, उज़्बेकिस्तान, सुश्री साधना सक्सेना, सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी विश्वविद्यालय, वियतनाम।