मध्य प्रदेश: नोटा से भी कम सपा और आप को वोट मिले, सिर्फ 0.54 प्रतिशत तक सिमटे
- आप को मप्र में मिला सिर्फ 0.54 प्रतिशत वोट
- नोटा से भी कम वोट मिले सपा और आप को
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. चार राज्यों के चुनाव परिणामों ने कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी ही नहीं, आम आदमी पार्टी (आप) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे छोटे दलों को भी उनकी हैसियत बता दी है। आप मुफ्त वाली योजनाओं के नाम पर भले ही दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही हो, लेकिन मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की जनता ने उसकी मुफ्त की घोषणाओं पर कतई भरोसा नहीं किया। तीनों राज्यों में आप पूरे दमखम के साथ मैंदान में उतरी थी, लेकिन वह बुरी तरह हारी। पार्टी का खाता खुलना तो दूर, इसके ज्यादातार उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। दिलचस्प यह कि तीनों राज्यों में आप और सपा को नोटा से भी कम वोट मिले हैं।
यह हालत तब रही जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार के लिए खूब पसीने बहाए। तीन राज्यों में केजरीवाल की पार्टी के 200 से ज्यादा उम्मीदवार मैंदान में उतरे थे। निर्वाचन आयोग के मुताबिक आप को सबसे ज्यादा 0.93 प्रतिशत वोट छत्तीसगढ़ में मिला है। मध्यप्रदेश में आप का वोट प्रतिशत 0.54 रहा तो राजस्थान में यह आंकड़ा गिरकर 0.38 प्रतिशत पर पहुंच गया। मध्यप्रदेश में आप को सिंगरौली और दमोह सीट से ज्यादा उम्मीद थी, जहां से क्रमश: मेयर रानी अग्रवाल और टीवी कलाकार चाहत पांडे उम्मीदवार थीं। लेकिन रानी अग्रवाल चौथे नंबर पर तो चाहत पांडे पांचवे नंबर पर रहीं।
छग में नोटा में पड़े 1.26 प्रतिशत वोट
दिलचस्प यह कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में केजरीवाल की पार्टी से ज्यादा वोट नोटा में पड़े। मध्यप्रदेश में 0.98 प्रतिशत वोट नोटा के नाम पर पड़े तो छत्तीसगढ़ में 1.26 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा पर मुहर लगाई। इसी प्रकार राजस्थान में भी 0.96 प्रतिशत वोट नोटा के सम्मान में पड़े। इन चुनावों में आप इसलिए फिसड्डी मानी जा रही है क्योंकि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने से पहले आप ने गोवा में 6.77 प्रतिशत और गुजरात में 12.92 प्रतिशत वोट पाया था।
राज में सपा को मिला 0.01 प्रतिशत वोट
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में कई बार सरकार में रही सपा का प्रदर्शन इन तीन राज्यों में और भी लचर रहा। सीटों के लिए कांग्रेस से दो-दो हाथ कर चुकी सपा को मध्यप्रदेश में 0.46 प्रतिशत तो छत्तीसगढ़ में महज 0.04 प्रतिशत वोट मिले हैं। राजस्थान में तो यह आंकड़ा महज 0.01 प्रतिशत ही रहा। बावजूद इसके सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का दावा है कि गठबंधन होता तो तस्वीर कुछ और होती।