आर्ट एंड क्राफ्ट वर्कशॉप: सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन बी.एड. में आर्ट एंड क्राफ्ट कार्यशाला संपन्न

भारतीय कला एवं संस्कृति को युवाओ तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए - सुप्रीति चतुर्वेदी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-01 15:08 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। फैकल्टी ऑफ़ एजूकेशन एंड ट्रेनिंग में 10 दिवसीय आर्ट एंड क्राफ्ट कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें बी.एड. विद्यार्थियों को मधुबनी फैब्रिक पेंटिंग की बारीकियों से अवगत कराया गया। कला एवम् शिल्प की प्राध्यापिका सुप्रीति चतुर्वेदी ने चित्रकला के विभिन्न पहलुओं और मधुबनी फैब्रिक पेंटिंग के बारे में विद्यार्थियों को समझाया और चित्रांकन करके भी बताया। विद्यार्थियों ने भी पूरी तन्मयता के साथ इस कार्यशाला में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि भारतीय कला एवं संस्कृति को युवाओ तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए। मधुबनीआर्ट लोक कला की एक पारंपरिक एवं जटिल शैली है जो भारत की मिथिला क्षेत्र से उत्पन्न हुई इसमें भित्ति चित्र शैली चित्र प्रधान होते हैं।

कार्यशाला में विद्यार्थियों ने मधुबनी कला से साड़ियों,चादर,दुप्पटोंपर कलाओं को उकेरा। मधुबनी चित्रकला एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र तक ही सीमित रही है इसलिये इसे जीआई (भौगोलिक संकेत) का दर्जा दिया गया है। वर्तमान में आधुनिक मधुबनी चित्रकला को साड़ियों, दुपट्टे, बैग, घड़ियों आदि पर भी देखा जा सकता है। मिथिला की कला अद्वितीय है, जो भारत ही नही विश्व में प्रसिद्ध है। इस अवसर पर प्राचार्या डॉ. नीलम सिंह ने बताया कि इस कला कौशल के माध्यम से छात्र-छात्राएंशिक्षक होने के साथ-साथ अपना स्वयं का व्यवसाय खोलकर कुशल उद्यमी बन सकते हैं।

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