आर्ट एंड क्राफ्ट कार्यशाला: स्कोप ग्लोबलस स्किल्स यूनिवर्सिटी में आर्ट एंड क्राफ्ट कार्यशाला संपन्न

कार्यशाला में विद्यार्थियों ने मधुबनी कला से साड़ियां, चादरें, दुप्पटे पर कलाओं को उकेरा मधुबनी चित्रकला एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र तक ही सीमित रही है इसलिये इसे जीआई; भौगोलिक संकेत का दर्जा दिया गया है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-02 10:30 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ़ एजूकेशन एंड ट्रेनिंग में 10 दिवसीय आर्ट एंड क्राफ्ट कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें बीएड विद्यार्थियों को मधुबनी फैब्रिक पेंटिंग की बारीकियों से अवगत कराया गया। इस दौरान कला एवम् शिल्प की प्राध्यापिका सुप्रीति चतुर्वेदी ने चित्रकला के विभिन्न पहलुओं और मधुबनी फैब्रिक पेंटिंग के बारे में विद्यार्थियों को समझाया और चित्रांकन का डेमो दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय कला एवं संस्कृति को युवाओं तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए।

मधुबनीआर्ट लोक कला की एक पारंपरिक एवं जटिल शैली है जो भारत की मिथिला क्षेत्र में उत्पन्न हुई। इसमें भित्ति चित्र शैली के चित्र प्रधान होते हैं। कार्यशाला में विद्यार्थियों ने मधुबनी कला से साड़ियां,चादरें,दुप्पटेपर कलाओं को उकेरा मधुबनी चित्रकला एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र तक ही सीमित रही है इसलिये इसे जीआई;भौगोलिक संकेत का दर्जा दिया गया है।

वर्तमान में आधुनिक मधुबनी चित्रकला को साड़ियों, दुपट्टा, बैग, घड़ियों आदि पर भी देखा जा सकता है। मिथिला की कला अद्वितीय है जो भारत ही नही विश्व में प्रसिद्ध है। इस अवसर पर सेक्ट कॉलेज की प्राचार्या डॉ. नीलम सिंह ने बताया कि इस कला कौशल के माध्यम से छात्र-छात्राएंशिक्षक होने के साथ-साथ अपना स्वयं का व्यव्साय खोलकर कुशल उद्यमी बन सकते हैं।

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