भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय फार्मेसी विभाग ने एकदिवसीय एक्सपर्ट लेक्चर का आयोजन किया

  • एआई का उपयोग करके लागत बचत, सटीक निदान और परिचालन तकनीक विकसित की जा सकती है। - प्रो. रजनी कांत
  • एआई का उपयोग करते हुए आज संक्रामक रोगों का पूर्वानुमान, निदान और निगरानी करना आसान हो गया है। - डॉ सी पी मिश्रा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-11 11:42 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग ने एकदिवसीय एक्सपर्ट लेक्चर का आयोजन किया। एक्सपर्ट लेक्चर का विषय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन हेल्थ केयर सिस्टम था। इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता डॉ अश्वनी मिश्रा असिस्टेंट प्रोफेसर एनएमआईएमएस इंदौर, आर एनटीयू के कुलपति प्रो. रजनी कांत, आईसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज के डीन डॉ सी पी मिश्रा, नर्सिंग विभाग की डीन डॉ. मनीषा गुप्ता और फार्मेसी विभाग की प्रिंसिपल डॉ. दुर्गा पांडेय विशेष रूप से उपस्थित थीं।



इस मौके पर डॉ. अश्विनी मिश्रा ने बताया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समाज में तेजी से प्रचलित हो रही हैं, और स्वास्थ्य देखभाल पर लागू होने लगी हैं। इन तकनीकों में रोगी देखभाल के कई पहलुओं के साथ-साथ प्रदाता, भुगतानकर्ता और फार्मास्युटिकल संगठनों के भीतर प्रशासनिक प्रक्रियाओं को बदलने की क्षमता है। उन्होंने आणविक जीव विज्ञान में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर्स के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। प्रो. रजनी कांत ने बताया कि एआई का उपयोग करके लागत बचत, सटीक निदान और परिचालन तकनीक विकसित की जा सकती है। चिकित्सा पेशेवरों को मरीजों से निपटने में मदद करने के लिए एक पूरी तरह से स्वचालित प्रणाली बनाई जा सकती है और इससे डॉक्टरों पर इस मामले में तनाव भी कम होगा। वहीं डॉ सी पी मिश्रा ने बताया कि एआई का उपयोग करते हुए आज संक्रामक रोगों का पूर्वानुमान, निदान और निगरानी करना आसान हो गया है।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं सहित अध्यापकगण शामिल हुए। मंच का संचालन विश्वविद्यालय की डॉ निमिशा जैन, एसोसिएट प्रोफेसर ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन सुश्री सोनिका प्रजापति, असिस्टेंट प्रोफेसर ने किया।

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