मध्यप्रदेश में सबसे अधिक 19730 हेक्टेयर वन भूमि का वनेतर कार्यो के लिए उपयोग

  • पांच सालों में 90 हजार हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि विकास परियोजनाओं को आवंटित
  • वन भूमि विकास परियोजनाओं को आवंटित

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-27 14:55 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में वन और वन क्षेत्र तेजी से सिकुड़ते जा रहे हैं जिससे पर्यावरण को भी गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। इस स्थिति के बावजूद सरकार का वन भूमि को विकास परियोजनाओं के लिए उपयोग में लाने का सिलसिला कम होता नहीं दिख रहा है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पिछले पांच सालों में 90 हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि के वनेतर उपयोग के लिए मंजूरी प्रदान की गई है।

दरअसल, सांसद विवेक तन्खा ने राज्यसभा में देश में वन आच्छादित क्षेत्र के बारे में जानना चाहा था। इसके लिखित जवाब में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2018 से 31 मार्च 2023 के दौरान वन (संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत कुल 900001.15 हेक्टेयर वन भूमि को वनेत्तर इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी गई है। मध्यप्रदेश में इस अवधि के दौरान सबसे ज्यादा 19730.36 हेक्टेयर वन क्षेत्र की भूमि को अन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल किया गया है। महाराष्ट्र में 2137.89 हेक्टेयर वन भूमि वनेतर के लिए इस्तेमाल की गई है।

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