मध्य प्रदेश: विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर भारत में कौशल विकास एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार

  • उद्यमी ही उद्यमिता को बेहतर पढ़ाएगा- डॉ.प्रिय रंजन दास
  • शिक्षा जीवन जीने की कला सिखाती है- डॉ. मार्कण्डेय राय

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-16 17:58 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। युवाओं में कौशल क्षमता का विकास कैसे हो। दुनिया भर में युवाओं को कैसे कौशल विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इस उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र द्वारा आज के दिन को विश्व युवा कौशल दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया। मौजूदा वैश्विक संदर्भों को देखते हुए, हमें स्किल के साथ-साथ प्रकृति अनुकूलन वाले रोजगार की ओर युवाओं को प्रोत्साहित करना होगा। यह बात आशा पारस फॉर पीस एण्ड हारमनी फाउंडेशन, विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर भारत में कौशल विकास एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार में डॉ. प्रियरंजन दास त्रिवेदी, संस्थापक कुलाधिपति इन्दिरा गांधी टेक्नोलॉजिकल एण्ड मेडिकल साइंस विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश ने मुख्य अतिथि उद्बोधन में कही।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि भारत के युवा रोजगार याचक नहीं अपितु रोजगार सृजनकर्ता बने। जोकि कौशल विकास से ही संभव है। उन्होंने शैक्षिक उद्यमिता के साथ-साथ सामाजिक उद्यमिता की बात कही। यदि विश्व को समग्र विकास के लिए तैयार करना है तो आध्यात्मिक विद्वानों के विचारों को भी सुनना होगा।

वेद फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. मार्कण्डेय राय ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि भारत में पूर्व के समयों में शिक्षा पर जीडीपी का बहुत कम हिस्सा खर्च किया जाता रहा है। आज जो छह प्रतिशत का प्रस्तावित लक्ष्य रखा गया है उससे शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव आएगा। यह बदलाव भारत की दिशा और दशा दोनों को निर्धारित करेगा।

प्रो. मानस पाण्डेय, जौनपुर विश्वविद्यालय ने अपने उद्बोधन में बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों से हुनर के पलायन से रोजगार के अवसरों का ह्रास हुआ है। स्किल इंडिया के जरिये पुनः रोजगार सृजन की प्रक्रिया को गति मिली है। देश भर में स्किल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के साथ वोकेशनल शिक्षा को लागू किया गया है। इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए और अधिक ढांचागत व्यवस्था कि आवश्यकता है। डॉ. आशीष दवे, अहमदाबाद ने अपने उद्बोधन में बताया की कौशल विकास हमारे बचपन की परवरिश से जुड़ा हुआ है। उन्होंने उद्यमिता को मनुष्य का आभूषण बताया। कौशल को अपने अभ्यास में शामिल करना होगा। केवल नीति बनाने भर से इसकी लक्ष्य पूर्ति नहीं हो जाएगी।

प्रो. आर.के. शुक्ल, कार्यक्रम संयोजक एवं पूर्व विभागाध्यक्ष पं.सुंदरलाल शर्मा केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान, भोपाल ने प्रस्तावना वक्तव्य देते हुये कहा कि डिगनिटी ऑफ लेबर की जागरूकता नहीं थी।

प्रो. आशा शुक्ला, अध्यक्ष, आशा पारस फॉर पीस एण्ड हारमनी फाउंडेशन, भारत स्वागत उद्बोधन देते हुए बताया कि विश्व कौशल दिवस का उद्देश्य दुनिया भर के युवाओं को रोजगार से जोड़ने अथवा रोजगार सृजनकर्ता के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए जरूरी समर्पित है। भारत इस समय स्किल के क्षेत्र में सबसे उभरता हुआ राष्ट्र होने के साथ सबसे युवा आबादी वाला देश है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के जरिये स्कूल शिक्षा से लेकर उच्चशिक्षा में कौशल विकास का संस्कार विकसित किया जा रहा है।

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