मध्यप्रदेश: 2.5 लाख आउटसोर्स की मांग मुख्यमंत्री वादा निभाईए, आउटसोर्स की महापंचायत बुलाईए
- आउटसोर्स की महापंचायत बुलाईए सीएम से मांग
- आउटसोर्स कर्मचारियों ने कई नेताओं से की मुलाकात
- आउटसोर्स का मासिक वेतन दोगुना कर केन्द्र के आउटसोर्स के बराबर करने की मांग
डिजिटल डेस्क, भोपाल। ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स संयुक्त संघर्ष मोर्चे के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव ने बीती रात भोपाल-भदभदा रोड स्थित एक होटल में शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर कहा कि मुख्यमंत्री आप अपना वायदा निभाईए और मप्र के विभिन्न विभागों-उपक्रमों में कार्यरत ढाई लाख आउटसोर्स कर्मियों की पंचायत बुलाईए। इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति देकर कहा कि करता हूं।
इतना ही नहीं भार्गव ने मुख्यमंत्री के अलावा केन्द्रीय मंत्री द्वय नरेन्द्र सिंह तोमर व प्रहलाद पटेल, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, मंत्री नरोत्तम मिश्रा व विश्वास सारंग से भेंट कर कहा कि सभी की महापंचायतें बुलाई जा चुकी हैं, पर मप्र के ढाई लाख आउटसोर्स कर्मियों की महापंचायत अब तक नहीं हुई है। सेंट्रल के आउटसोर्स की तुलना में म.प्र. के आउटसोर्स कर्मी आधा वेतन पा रहे हैं, जबकि न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 की धारा 3 के तहत् म.प्र. आउटसोर्स कर्मियों का मिनिमम वेजेस प्रत्येक 5 साल में बढ़ाये जाने का प्रावधान है, पर 7 वर्ष बीतने पर भी अब तक न्यूनतम वेतन पुनरीक्षित नहीं हुआ है। इसलिए रोजगार सहायक, कोटवार व अतिथि शिक्षकों का जिस तरह मासिक वेतन मुख्यमंत्री जी ने दोगुना किया है, उसी तरह म.प्र. के आउटसोर्स का मासिक वेतन दोगुना कर केन्द्र के आउटसोर्स के बराबर किया जावे। इस पर नरेन्द्र सिंह तोमर, उमा भारती एवं मंत्री सारंग ने आश्वस्त किया कि वह आउटसोर्स कर्मियों की महापंचायत बुलाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री जी से जल्द ही चर्चा करेंगे।