हायरिंग सेंटर: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कृषि संकाय द्वारा हाईटेक कस्टम हायरिंग सेंटर का उदघाट्न कार्यक्रम संपन्न
खेती की पुरानी विधियों को छोड़ कर उन्नत कृषि यंत्रो एवं तकनीकियों को अपना कर नयी विधियों की ओर अग्रसर होना होगा। - संतोष चोबे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कृषि विभाग द्वारा हाईटेक कस्टम हायरिंग सेंटर का उदघाट्न कार्यक्रम हुआ। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि बी. एस. कोठारी, असिस्टेंट इंजीनियर भोपाल संभाग, कृषि अभियांत्रिकी, मध्य प्रदेश शासन, आरएनटीयू के कुलाधिपति संतोष चौबे, कुलसचिव डॉ विजय सिंह एवं उपकुलपति डॉ संगीता जौहरी मुख्य रूप से उपस्थित थे। अतिथियों ने रिबन काटकर केंद्र का उदघाट्न किया।
इस मौके पर बी. एस. कोठारी ने विभाग की योजनाओं के बारे में कृषकों को अवगत करते हुए कृषि यांत्रिकी के द्वारा किये गए कार्य को जिला व राज्य स्तर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किस प्रकार किसान योजनाओं का लाभ उठा सकते है के बारे में विस्तृत जानकारी दी। वहीं संतोष चोबे ने कहा की अब खेती की पुरानी विधियों को छोड़ कर उन्नत कृषि यंत्रो एवं तकनीकियों को अपना कर नयी विधियों की ओर अग्रसर होना होगा। साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा देकर कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन करना होगा। उन्होंने यह भी कहा की किसान भाइयों को कस्टम हायरिंग एवं कृषि की अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ लेना चाहिए और अपने विश्वविद्यालय के कृषि छात्रों को गाँव में किसानों के खेतों पर भी जाने की सलाह दी। इस उपरांत डॉ विजय सिंह द्वारा कस्टम हायरिंग के महत्व को बताते हुए कृषकों को संबोधित किया एवं विभाग को शुभकामनाएं दी।
इस मौके पर विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के डीन डॉ. एच. डी. वर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा रखी। हाईटेक कस्टम हायरिंग केंद्र के समन्वयक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने केंद्र के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में सभी कृषि उपकरणों का अतिथियों द्वारा पूजन एवं निरीक्षण किया गया। वहीं अतिथियों द्वारा हाईटेक कस्टम हायरिंग सेंटर, कृषि परामर्श केंद्र एवं देसी कार्यक्रम से सम्बंधित कृषि साहित्य का विमोचन किया, किसानो को बीज के मिनी किट दिए एवं उन्हें सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अंगीकृत गांवों से लगभग 65 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन एवं कार्यक्रम की भूमिका डॉ. ऋषिकेश मंडलोई, सहायक प्राध्यापक द्वारा की गई। आभार प्रदर्शन डॉ. शुभम कुलश्रेष्ठ, सहायक प्राध्यापक ने दिया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी फैकल्टी सहित कृषि विभाग के सभी सदस्य विशेष रूप से उपस्थित थे।