भोपाल: हिंदी विश्वविद्यालय में हिंदी मास के अंतर्गत वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन
- प्रतियोगिता का विषय था "भारत को वैश्विक अग्रणी राष्ट्र बनाने में स्वदेशी की भूमिका।"
- पक्ष दल ने भारत की सुरक्षा, आत्मनिर्भरता, सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने, और प्राकृतिक संपदा के संरक्षण पर जोर दिया।
- विपक्ष दल ने स्वदेशी भावनाओं के असली लाभार्थियों और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के मुद्दों को उठाया।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। अटल बिहारी वाजपई हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल में हिंदी मास के अंतर्गत प्रतियोगिता का आयोजन गुरूवार को किया गया। जिसका विषय भारत को वैश्विक अग्रणी राष्ट्र बनाने में स्वदेशी की भूमिका था। इस प्रतियोगिता में पक्ष और विपक्ष दो दल बनाए गए। पक्ष दल में जयप्रकाश अहिरवार आकृति विश्वकर्मा आयुष पटेल भूमिका रुक्मणी लोग आशीष सेन तथा विपक्ष दल में शिव साहू शिवानी करिश्मा गोस्वामी रहनुमा करीना पूजा विष्ट विद्यार्थियों ने भाग लिया। पक्ष दल ने अपनी बात रखते हुए बताया भारत की सुरक्षा एकता को सुनिश्चित करना, आत्मनिर्भर राष्ट्र का निर्माण, भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देना, प्राकृतिक संपदा का संरक्षण यह सारी क्रियाएं स्वदेशी लक्ष्य से ही प्राप्त की जा सकती है।
विपक्षी दल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वदेशी भावनाएं अक्सर गेल मूल निवासियों द्वारा जल भूमि या वन जीवन पर संघर्षों में आती हैं, अक्सर उन लोगों द्वारा जो वास्तव में आदिवासी भूमि पर रहते हैं आत्म साथ नहीं कर पाते और गैर मूल निवासी द्वारा उन प्राकृतिक मूल्य का दोहन किया जाता है। प्रतियोगिता के संयोजक डॉ आशीष, निर्णायक मंडल में डॉक्टर अंजली, डॉक्टर भावना खरे, डॉक्टर झाम सिंह, डॉ नीलम, डॉ विजय, डॉ गौरव, डॉ कुसुम दीक्षित डॉक्टर कमलीनी पसीने, डॉ पूनम, डॉ ब्रजेश, डॉ अंकित, डॉनिशा पी शर्मा डॉ अमीन खान आदि सम्मिलित थे।