सरकारी स्कूलों में प्रवेश: पढ़ाई के लिए पहली पसंद बने सरकारी स्कूल, प्रवेश लेने वालों की बढ़ी बढ़ी
- सीएमराइज़ स्कूलों के गतवर्ष के परिणाम 17% से बढ़ कर 73.08% हुआ
- अच्छी शिक्षा के साथ ही स्कूटर वितरण समेत दी जाने वाली सुविधाओं का असर
डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है। इसकी वजह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर देना तो है ही, इसके अलावा 12वीं के एक-एक टापर छात्र-छात्रा को स्कूटर खरीदने के लिए राशि प्रदान करना, साथ ही 12वीं उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों के लिए मेडिकल एवं डेंटल कालेजों की सीटों में पांच प्रतिशत का कोटा आरक्षित करने आदि प्रयास भी हैं। सीएम राइज स्कूलों में एड़मिशन के लिये अभिभावक नेताओं के द्वारा फोन कर बच्चे का दाखिला दिलाने की कोशिश भी कर रहे है। गौरतलब है कि सीएमराइज़ स्कूलों का इस वर्ष का कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम राज्य स्तर के औसत परिणाम से 11% अधिक रहा। साथ ही सीएमराइज़ विद्यालयों के गतवर्ष के परिणाम से 17% बढ़ कर 73.08% हुआ है।
सीएमराइज़ विद्यालयों में कक्षा 12वीं में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी गत वर्ष से लगभग 17.68% बढ़ कर 57.41%हुई है। उक्त परीक्षा परिणाम में वृद्धि सीएम राइज़ विद्यालयों में लीडरशिप, प्रशिक्षण, उन्नत शिक्षण तकनीक एवं विद्यार्थी उपस्थिति पर फोकस कर प्राप्त किया गया है साथ ही कोविड़ महामारी के दौरान हुए लर्निंग लॉस को पिछले 2 वर्षों में समाप्त करने का प्रयास किया गया है। खास बात यह है कि सीएमराइज़ विद्यालयों के विद्यार्थी राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा, ओलंपियाड, खेल प्रतियोगिताओं और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सहभागिता कर रहे है एवं अधिक संख्या में सफल हो रहे है।
इसलिए बढ़ा पालकों का रूझान
सीएमराइज़ विद्यालयों में विद्यार्थियों की सृजनात्मक क्षमताओं को बढ़ाने एवं पालकों की सहभगिता बढ़ाने के लिए पिछले सत्र में लगातार सृजन कार्यक्रम आयोजित किए गए, इससे पालकों, समाज एवं समुदाय का विश्वास इन विद्यालयों में बढ़ा है, जो विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए आने वाले पालकों की संख्या से पता चलता है।
आगे यह हो रहा प्रयास
वर्तमान शिक्षण सत्र में सीएमराइज़ विद्यालयों में अपनाई गई शिक्षण तकनीक को प्रदेश के विद्यालयों में विस्तारित किया जा रहा है। सीएमराइज़ विद्यालयों के परीक्षा परिणाम में सकारात्मक बदलाव के लिए विद्यालयवार शिक्षकों के साथ विचार विमर्श कर विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त शैक्षणिक क्रियाकलाप आयोजित कर परीक्षा परिणाम को और बेहतर करने की कार्य योजना बनाई जा रही है।