भोपाल: शिक्षक दिवस पर कंप्यूटर प्रवीणता हेतु सीपीसीटी पुस्तक का विमोचन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-07 08:02 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। दिनांक 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर स्कोप ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी में शिक्षको के सम्मान में एक कार्यक्रम रखा गया। इस कार्यक्रम में शिक्षकों का उत्साहवर्धन करने हेतु विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ अजय भूषण और प्रो वाइस चांसलर डॉ डी. एस. राघव मुख्य रूप से उपस्थित थे। इस कार्यक्रम को “एम्ब्रेसिंग स्किल्स फॉर लाइफ” थीम पर आधारित किया गया। इसी थीम के अंतर्गत मप्र सरकार की कंप्यूटर प्रवीणता और प्रमाणन परीक्षा (सीपीसीटी) के उम्मीदवारों के लिए लिखी गयी “सीपीसीटी” पुस्तक का भी विमोचन किया गया जो अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओँ में संस्था के ही मूक्स (MOOCs) डिपार्टमेंट के द्वारा लिखी गयी और आईसेक्ट पब्लिकेशन के द्वारा प्रकाशित की गयी है।

यह पुस्तक सीपीसीटी पाठ्यक्रम के तहत सभी विषयों का व्यापक कवरेज देती है और उन लोगों के लिए एक अभ्यास पुस्तक है जो इस परीक्षा में निश्चित सफलता चाहते हैं। विषयों को अधिक विशिष्ट और व्यावहारिक बनाने की दृष्टि से पाठ्यक्रम के तहत बड़े शीर्षों को उप-शीर्षों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक शीर्ष के अंत में उत्तर हैं। न्यूमेरिकल एप्टीट्यूड के तहत टॉपिक्स और कुछ रीजनिंग एप्टीट्यूड के प्रश्नों के उत्तर भी स्पष्टीकरण के साथ शामिल हैं, ताकि परीक्षार्थी उन्हें हल करने के तरीकों को पूरी तरह से समझ सकें। उत्तर के साथ सीपीसीटी के पुराने सैंपल प्रश्न पत्र भी अंत में दिए गए हैं ताकि उम्मीदवारों को परीक्षा के प्रकार का अंदाजा हो सके। करेंट अफेयर्स के खंड में नवंबर 2021 तक के प्रश्न शामिल किये गय हैं। यह पुस्तक सीपीसीटी उम्मीदवारों के लिए बहुत मददगार साबित होगी और पहले ही प्रयास में उनकी सफलता सुनिश्चित करेगी। इस पुस्तक के अंग्रेजी और हिंदी दोनों संस्करण उपलब्ध है ताकि परीक्षार्थी उस भाषा की पुस्तक का चुनाव कर सकें जिस भाषा से वो इस परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं। पुस्तक में मॉक टेस्ट देने के लिए क्यू आर कोड को भी समाहित किया गया है जिससे उम्मीदवार सीधे कंप्यूटर प्रवीणता और प्रमाणन परीक्षा की साइट पर जाकर मॉक टेस्ट दे सकते हैं।

इस महत्वपूर्ण पुस्तक के निर्माण और सन्दर्भ सामग्री संकलन संपादन में मूक्स टीम के सभी सदस्यों, डॉ आरती कुमार, श्री शिशिर सराठे, श्रीमती ज्योति शर्मा, श्री चन्द्रसेन नाहर और श्रीमती प्रीती राठौर का विशेष योगदान रहा। पुस्तक का पुनर्विलोकन डॉ आरती कुमार ने किया है। इन पुस्तकों को पूरी तरह से इन हाउस ही डिज़ाइन और अनुवादित किया गया है। प्रतिभागियों के लिए यह महत्वपूर्ण प्रकाशन अब हिंदी और अंग्रेजी दोनों संस्करणों में अमेज़न पर भी उपलब्ध हैं।

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