Bhopal News: प्रदेश के 63 एकलव्य स्कूलों के प्राचार्य और शिक्षकों को नौकरी का डर
शिक्षकों का कहना है कि इसके पूर्व भी उच्च अधिकारियों द्वारा हमें आश्वासन दिया गया था कि आपको इन्हीं संस्थानों में मर्ज कर दिया जाएगा
Bhopal News: प्रदेश में नवोदय विद्यालय की तर्ज पर खोले गए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में पदस्थ प्राचार्य एवं शिक्षकों को अपनी नौकरी जाने का डर सता रहा है। यही कारण है कि सोमवार को मध्य प्रदेश के 63 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में पूर्व से पदस्थ लगभग 100 शिक्षक शिक्षिकाओं ने विभागीय मंत्री और अधिकारियों से मुलाकात की तथा अपनी बात रखी। कुंवर विजय शाह, जनजातीय कार्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि पद स्थापना शीघ्र हो जाएगी।
जानकारी के अनुसार, इन विद्यालयों में पहले तो इनकी नियुक्ति की गई, लेकिन विभाग ने इन शिक्षकों की जानकारी समय पर नेस्टस आदिवासी शिक्षा समिति, भारत सरकार, नई दिल्ली को नहीं भेजी। जिसके कारण इन पदों पर दोबारा भर्ती कर दी गई है। बताया जा रहा है कि वर्तमान में इन संस्थाओं में (नेस्ट) आदिवासी छात्र समिति, भारत सरकार द्वारा परीक्षा लेकर पुन: इन प्राचार्य और शिक्षकों के पद के विरुद्ध अन्य शिक्षकों को पदस्थ कर दिया गया है।
शिक्षकों का कहना है कि इसके पूर्व भी उच्च अधिकारियों द्वारा हमें आश्वासन दिया गया था कि आपको इन्हीं संस्थानों में मर्ज कर दिया जाएगा, किंतु वर्तमान में इन संस्थाओं से हटाया जा रहा है, जो कि शासन की घोर लापरवाही प्रदर्शित करता है।
बता दें कि मध्य प्रदेश जनजातीय कार्य विभाग के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, जो कि मध्य प्रदेश स्पेशल स्कूल रेजिडेंशियल सोसायटी, एमपी सरस भोपाल के अंतर्गत कार्यरत हैं, मध्य प्रदेश में लगभग 63 आवासीय विद्यालय हैं। पूर्व में राज्य शासन द्वारा इन संस्थानों में लिखित ऑनलाइन परीक्षा के माध्यम से प्राचार्य और शिक्षकों को मेरिट सूची के अनुसार पद स्थापना देकर विशिष्ट संस्थानों में पदस्थ किया गया था। शिक्षक हीरानंद नरवरिया ने बताया कि अब विभाग की गलती का खामियाजा समस्त शिक्षक तथा शिक्षिकाओं को भुगतना पड़ रहा है।
काउंसलिंग के माध्यम से सामान्य स्कूलों में दें पदस्थापना
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि हम सभी की काउंसलिंग के माध्यम से सामान्य स्कूलों में पद स्थापना की जाए। बैतूल से आए शिक्षक राजू मालवीय ने बताया कि मध्य प्रदेश के एकलव्य के नियमित शिक्षक तीन माह से अधिकारियों से मिल रहे हैं, लेकिन हमारी समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकल रहा है। शाहपुर से आई शिक्षिका स्मिता जैन ने बताया कि नए शिक्षकों की जो भर्ती हुई है, वे शिक्षक हमसे सम्मानजनक व्यवहार नहीं कर रहे हैं। इस कारण हम सभी का अपमान स्कूलों में हो रहा है।