भोपाल: आईसेक्ट में “हस्त मुद्रा थेरेपी” पर विशेष सत्र का आयोजन

हाथ की अलग-अलग मुद्राओं में प्राकृतिक उपचार गुण होते हैं जिससे यह स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। - निशा कौशल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-02 09:25 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के लर्निंग एंड डेवलपमेंट विभाग/ कॉर्पोरेट एचआर द्वारा स्कोप कैंपस में “हस्त मुद्रा थेरेपी” पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में “शिष्याज़ योग एंड अल्टरनेटिव थेरेपीज” की फाउंडर एंड कोच मिस निशा कौशल को आमंत्रित किया गया। हस्त मुद्रा एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है जिसका अभ्यास हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा प्राकृतिक उपचार प्रणाली के रूप में किया जाता था। इसके बाद इन मुद्राओ का उपयोग योग में और भारत एवं दक्षिण भारत में नृत्य के लिए उपयोग किया जाने लगा। निशा कौशल ने बताया कि हाथ की अलग-अलग मुद्राओं में प्राकृतिक उपचार गुण होते हैं जिससे यह स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

 

साथ ही उन्होंनेस्वस्थ जीवन शैली के लिए6 अलग मुद्राओ के बारे में बतायाजिसमे ज्ञान मुद्रा, अपान मुद्रा, पृथ्वी मुद्रा, शून्य वायु मुद्रा, ध्यान मुद्रा, प्राण मुद्राआदि हैं। इन मुद्राओं से बुखार, घुटने के दर्द, पीठ दर्द, थायरॉयड,मधुमेह, बालों के झड़ने, गठिया, कब्ज, ओसीडी, सिरदर्द और बच्चों की सुनने की समस्याओं सहित कई स्थितियों में राहत मिलती है।

 

इस सत्र पर आईसेक्ट के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंटडॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि योग का नियमित अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है ऐसे में हमारा प्रयास है आईसेक्ट के एम्पलाइज इसे अपने जीवन में अपनाएं और वर्क लाइफ में बैलेंस बना पाएं। इस कड़ी में हस्त मुद्रा सेशन आईसेक्ट के एलएंडडी/कॉर्पोरेट एचआर विभाग की एक सराहनीय एवं सफल पहल है।

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