आंदोलन: काम पर न लौटने वाली आंगनवाड़ी सेविकाओं को नौकरी से निकालने की मिली चेतावनी

  • अमरावती जिले के 3100 आंगनवाड़ी केंद्र बंद
  • लिखित आश्वासन पर अड़ीं सेविकाएं
  • प्रशासन हुआ सख्त

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-06 09:23 GMT

डिजिटल डेस्क, अमरावती। अपनी विविध मांगों के लिए जिले की आंगनवाड़ी सेविका व सहायिका एक माह से बेमियादी हड़ताल पर हैं। दो दिन पहले राज्य भर की आंगनवाड़ी सेविकाओं ने मुंबई में मंत्रालय पर मोर्चा निकाला। इस समय महिला व बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे व मंत्री गिरीश महाजन के साथ उनकी बैठक हुई। आंगनवाड़ी सेविकाओं के मांगे पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया। किंतु सरकार जब तक लिखित आश्वासन नहीं देती हड़ताल कायम रखने का निर्णय आंगनवाड़ी सेविका द्वारा लेने से अब महिला व बाल कल्याण विभाग की ओर से जिले के ग्रामीण क्षेत्र में आंगनवाड़ी सेविकाओं के घर की दीवार और दरवाजे नोटिस चिपकाए जा रहे हैं। तत्काल काम पर न आने की स्थिति में ड्यूटी से निकालकर आंगनवाड़ी सेविकाओं की नई सिरे से भर्ती करने के चेतावनी दी जा रही है। आंगनवाड़ी कर्मचारी संगठन (सीटू) के नेतृत्व में 4 दिसंबर से जिले की सभी आंगनवाड़ी सेविकाओं ने बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है। अमरावती शहर में 400 और जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 2700 इस तरह कुल 3100 आंगनवाड़ी है।  उतनी ही संख्या में सेविका व सहायिका इस तरह कुल 6 हजार 200 सेविकाएं कार्यरत हैं। 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आंगनवाड़ी कर्मचारियों को ग्रैज्युटी का लाभ देने, आंगनवाड़ी सेविकाओं को 26 हजार रुपए और सहायिकाओं को 18 हजार रुपए मानधन देने, आंगनवाड़ी को आहार आपूर्ति करनेवाले महिला बचत गटों को 8 हजार रुपए आदि व अन्य मांगों के लिए हड़ताल चल रही है। विधानसभा के शीतसत्र पर मोर्चा निकालने के बाद भी मांगे पूर्ण नहीं हाेने के चलते दो दिन पहले राज्यभर की आंगनवाड़ी सेविकाओं ने मुंबई में मोर्चा निकाला। किंतु वहां पर भी कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ। सरकार ने आंगनवाड़ी सेविकाओं की मांगों पर समाधान कारक निर्णय लिया। किंतु उन्हें लिखित आश्वासन नहीं देने से सभी आंगनवाड़ी सेविकाएं हड़ताल के निर्णय पर कायम हैं।

एक माह से लगे हैं ताले : जिले की सभी 3100 आंगनवाडी केंद्रों पर 4 दिसंबर से ताले लगे है। इन आंगनवाडियों में आनेवाले मासूम बच्चे पोषण आहार से वंचित है। इस स्थिति में आंगनवाडी कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल वापस लेनी चाहिए। इस तरह की भूमिका सरकार ने लेते हुए उन्हें तत्काल डयूटी पर ज्वाईंन होने का आहवान किया है। अन्यथा नई आंगनवाडी सेविका भर्ती करने का निर्णय लिया है।


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