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Amrawati News: शीघ्र होगा लोकार्पण , इतवारा उड़ान पुल पर मार्च से दौड़ेंगे वाहन!
- रेलवे की तर्ज पर विदर्भ का पहला गर्डर उड़ान पुल
- कार्य अंतिम पड़ाव में, मुस्तैदी से जुटे अधिकारी
Amrawati News मेरे अब्बा तो चल बसे, मैं अब उम्र की ढलान की दहलीज पर खड़ा हूं। शायद मेरा बेटा इस उड़ान पुल पर अपने परिवार के साथ सफर कर सके, जैसे कई एक से बढ़कर एक सोशल मीडिया पर हास्यास्पद मीम्स की परवान चढ़ चुके चित्रा चौक से नागपुरी गेट-वलगांव की ओर जाने वाले इस बहुप्रतीक्षित उड़ान पुल का लोकार्पण अगले वर्ष 2025 में मार्च तक शुरू हो जाने का दावा लोकनिर्माण विभाग के अभियंता तुषार काले ने किया है। परेशानियों के भंवर में हिचकोले लगाते-लगाते इस उड़ान पुल के लोकार्पण से शहर के पश्चिमी क्षेत्र के हजारों निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी। चित्रा चौक से शुरू होने वाला यह उड़ान पुल शायद विदर्भ का पहला पुल है, जो रेलवे की तर्ज पर लोहे के गर्डर से निर्मित है।
चित्रा चौक, इतवारा बाजार, टांगा पड़ाव, नागपुरी गेट के मुख्य चौराहे पर इस उड़ान पुल का एक छोर पठान चौक (भातकुली मार्ग) की ओर तो एक छोर वलगांव मार्ग स्थित असोरिया पेट्रोल पंप पर खत्म हो रहा है। वैसे इस उड़ान पुल के निर्मिति की मान्यता अक्टूबर 2016 में मिली। जिसका शुभारंभ जनवरी 2018 में हुआ। 2 वर्ष में इसका निर्माण होना था। पुल की लंबाई 1543 मीटर है। आरसीसी के बाद इस पुल की कुल लंबाई 1775 हो जाएगी। लेकिन इसके निर्माण में न जाने कितनी ही बाधाएं आईं। जिसे पार करने में ढेर सारे संघर्षों को झेलना पड़ा। इन बाधाओं में सबसे बड़ी बाधा कोरोना की रही।
उड़ान पुल क्यों जरूरी : भौगोलिक रचना के आधार पर इस पुल का निर्माण जरूरी बताया गया। चित्रा टॉकिज से लेकर नागपुरी गेट चौक तक का मार्ग इतना व्यस्त है कि इस मार्ग पर वाहन दौड़ाना तो दूर पैदल चलना दुश्वार होता है। चित्रा चौक, इतवारा बाजार, इस मार्ग इससे सटा समानांतर मोची गली तथा जवाहर मार्ग, टांगा पड़ाव, सक्कर साथ से लेकर नागपुरी गेट चौक तक मार्ग मुख्य बाजार है। यहीं वजह है कि इस मार्ग पर उड़ान पुल बनाने की जरूरत महसूस हुई।
ऊपर से लेकर अंदर तक बाधा : चित्रा से पठान चौक तक के मार्ग को बंद करने के लिए पुलिस प्रशासन और मनपा से गुहार लगाई गई, लेकिन इसकी इजाजत नहीं मिली। इसी स्थिति में कार्य करना होगा के आदेश के बाद जैसे ही पिलर के लिए जमीन खोदी गई तो आसेगांव की पूर्णा नदी से गुजरने वाली 10 फीट परिधि की पाइप लाइन बिछी थी। इस पाइप लाइन से जूझने के साथ-साथ बेहद संकरा रास्ता और मुख्य बाजार होने की वजह से इसके निर्माण में देरी हो गई। बाधा के इस एपिसोड में अहम भूमिका कोरोना ने भी निभाई।
संकरे रास्ते, ऊपर से लेकर भीतर तक बाधाओं से जूझ ही रहे थे कि बीते पांच वर्षों में राजनीतिक अस्थिरता के चलते इस उड़ान पुल निर्माण के लिए लगने वाली निधि में भी ढेर सारी बाधाएं सामने आईं। देरी की कुछ वजह यह भी रही है। तत्काल तथा वर्तमान में लोहे के दाम में बेतहाशा अंतर होने की वजह से 58 करोड़ की लागत से बनने वाला यह उड़ान पुल 80 करोड़ की लागत पर चला गया, लेकिन विधायक सुलभाताई खोड़के ने उप मुख्यमंत्री अजित पवार के सहयोग से यह निधि खींच लाई। जिससे निर्माण कार्य को गति मिल पाई। अन्यथा इसका पूरा हो पाना मुश्किल में पड़ गया था। उसमें उड़ान पुल संघर्ष समिति की ओर से एड. शोयब खान व समेत उनकी समिति ने भी जमकर दबाव बनाया।
Created On :   4 Dec 2024 4:05 PM IST