Amrawati News: दिवाली पर कबाड़ियों की चांदी , व्यापार होगा 25 करोड़ रुपए के पार!

दिवाली पर कबाड़ियों की चांदी , व्यापार होगा 25 करोड़ रुपए के पार!
  • हजारों की संख्या में मोहल्ले-मोहल्ले घूम रहे कबाड़ी
  • प्लास्टिक बोतल की सबसे ज्यादा मांग
  • कबाड़ के धंधे से चमका रहे किस्मत

Amrawati News किसी भी घर का मुखिया या गृहणी अगर ईमानदारी से अनुपयोगी सामान यानी कबाड़ की लिस्ट बनाने बैठे तो पाएंगे कि घर में 40 फीसदी सामान बेकार पड़ा है। दीपावाली में सोना, चांदी, बर्तन और गाड़ियों सहित अन्य सामान बेचकर जहां कारोबारी माला-माल होते हैं। वहीं लोगों के घरों से कबाड़ खरीदकर कई कबाड़ी लखपति और करोड़पति बनते हैं। इस बार दिवाली के मुहाने पर शहर में ही करीब 25 करोड़ रुपये का व्यापार होने का अनुमान कबाड़ व्यापारी मोहम्मद जब्बार ने जताया है।दीपावली के दस दिन पहले से ही लोग अपनी घरों की सफाई शुरू कर देते हैं। कुछ लोग तो गणपति के पूर्व से ही घरों की सफाई शुरू कर देते हैं। सफाई में लोहा, प्लास्टिक, पेपर सहित अन्य सामान लोग कबाडिय़ों के हाथों बेच देते हैं।

हजारों की संख्या में मोहल्ले-मोहल्ले घूम रहे कबाड़ी के लोग इन्हें बंटोरने के साथ औने-पौने दाम में खरीद रहे हैं। शहर में कबाड़ का काम करने वाले सैकड़ों खरीदारों के यहां ले जाकर ये लोग कबाड़ बेच देते हैं। मोहल्ले से कबाड़ खरीद रहे एक ठेला व्यवसायी मोहम्मद इब्राहिम ने बताया कि लॉकडाउन के पहले त्योहार के मौसम में एक दिन में 10 से 15 हजार रुपये कमा लेते थे। इस बार डेढ़ से दो हजार रुपये की कमाई में ही सिमट जा रहे हैं।

हम आप जिस दस और बीस रुपये की पानी की बोतल खरीद कर उसे यूं ही फेंक रहे हंै, उसका संकलन करने के पश्चात ठेलेवाले उसे 25 रुपये प्रति किलो की दर से बेच रहे हंै। कबाड़ व्यवसायी वसीमभाई ने बताया कि पानी की बोतल के प्लास्टिक की सबसे ज्यादा मांग है। इस बोतल से मिलनेवाला प्लास्टिक एकदम शुद्ध है। कारखाने में रिसाइकिल करने में इसे ज्यादा खर्च नहीं आता है।

Created On :   21 Oct 2024 1:38 PM GMT

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