Amrawati News: आंखों में रोशनी नहीं लेकिन जज्बा ऐसा कि 60 को पैरों पर किया खड़ा

आंखों में रोशनी नहीं लेकिन जज्बा ऐसा कि 60 को पैरों पर किया खड़ा
  • आज विश्व दिव्यांग दिवस पर विशेष
  • शाकिर नायक हैं हीरो
  • सेवानिवृत्ति के बाद गठित की संस्था

Amrawati News अमरावती जीवन में जो लोग अनुभवों से सीखते हैं और कुछ करने का जज्बा रखते हैं, वे कभी विफल नहीं होते हैं। हर स्थिति को अपने पक्ष में करते हैं। ऐसे ही लोगों में शामिल हैं भारतीय अंधजन विकास व पुनवर्सन संस्था के प्रमुख और स्वयं दिव्यांग शाकिर नायक। स्वयं नेत्रहीन रहने तथा जिलाधिकारी कार्यालय में सेवा से निवृत्त होने के बाद उन्होंने दिव्यांगों की समस्या को समझते हुए संस्था का गठन किया।

आज इस संस्था के माध्यम से 50-60 दिव्यांगों को पत्तल, द्रोण बनाने की ट्रेनिंग देते हुए अपने पैरों पर खड़ा किया। दिव्यांगों के रोजगार ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य जांच, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन का कार्यक्रम भी लगातार आयोजित करते हैं। नायक ने बताया कि अपने सेवाकाल के दौरान उन्होंने दिव्यांगों की समस्याओं को समझा और यथासंभव निराकरण का मन बनाया। विद्यापीठ परिसर के डेंटल कॉलेज के पास स्थित इस संस्था को समाजसेवकों की भी समय-समय पर मदद मिलती रही है। इनके लिए स्वास्थ्य जांच शिविर लिया जाता है। सोमवार को भी इसी तरह का शिविर हेगडेवार हास्पिटल की टीम ने लिया और जरूरतमंद दिव्यांगों की स्वास्थ्य जांच नि:शुल्क की गई।

दिव्यांगों की शतरंज स्पर्धा के साथ ही अन्य गतिविधियां लेते हैं। जिलाधिकारी कार्यालय से सेवानिवृत्ति के बाद शाकिर नायक ने पूरा जीवन ही दिव्यांग सेवा में समर्पित किया। 2008 में संस्था की स्थापना कर सेवा की दखल लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इसके लिए उन्हें राज्य पुरस्कार देकर सम्मानित किया था।

Created On :   3 Dec 2024 1:26 PM IST

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