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Amravati News: अमरावती जिले में सैकड़ों बच्चे शालाबाह्य, सरकारी रिकॉर्ड में मात्र 42
- सवालों में घिरा शिक्षा विभाग का जीरो ड्रॉप आउट मिशन
- अकेले अमरावती शहर में सैकड़ों बच्चे सड़क पर भीख मांग रहे
- कागजों में संख्या नाम मात्र दर्शाई जा रही
अमोल खोड़े, अमरावती। जिले में मात्र 42 ही बच्चे शाला बाह्य (स्कूल न जाने वाले ) हैं। यह दावा जिला शिक्षा विभाग का है। विभाग ने 5 से 20 जुलाई के बीच जिले में स्कूल नहीं जाने वाले छात्रों की तलाश तथा उनका स्कूलों में दाखिला कराने के लिए अभियान चलाया। इस सर्वे की रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि जिले में 16 लड़के और 26 लड़कियां ऐसे कुल 42 बच्चे ही शालाबाह्य (स्कूल नहीं जाते) हैं। इस सर्वे की सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि अकेले अमरावती शहर में ही सैकड़ों बच्चे दिनभर सड़क पर भीख मांगते, कचरा चुनते, ईट भट्टों पर काम करते दिखते हैं। लेकिन शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में दर्ज है कि शहर में मात्र 10 ही बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं।
जिला सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय से प्राप्त आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिले में स्कूल नहीं जाने वाले छात्रों की तलाश तथा उनका स्कूलों में दाखिला कराने के लिए सभी मुख्याध्यापक, शिक्षक, केंद्र प्रमुख, शिक्षकों के माध्यम से जिले की सभी 14 तहसीलों के गांव-गांव में जाकर स्थलांतरित छात्र-बच्चों का सर्वे किया। जिसमें शाला बाह्य पाये गए बच्चों को स्कूल में दाखिल कराने के प्रयास भी किये गए।
कामकाज या अन्य कारणों से जिले से अन्य जिलों में तथा अन्य राज्य में स्थलांतरित हुए बच्चों के पालकों से शपथपत्र भी भरवाए कि वे उनके बच्चों को स्कूल में दाखिल जरूर कराएंगे। लेकिन वास्तविकता में यह सारी कार्रवाई सिर्फ कागजी प्रकिया से अधिक कुछ भी नहीं हैं, क्योंकि जो शिक्षा विभाग जिले में सिर्फ 42 ही बच्चे शाला बाह्य रहने का दावा कर रहा हैं, वहीं शिक्षा विभाग यह भी कबूल करता है कि हां, जिले में ऐसे सैंकड़ों बच्चे हैं। जिन्होंने कभी स्कूल तक नहीं देखा है।
Created On :   30 Nov 2024 3:46 PM IST