क्राइम: अमरावती : 1 जनवरी से 15 अगस्त तक 54 किशोरों पर आयुक्तालय में मामले दर्ज
किशोरावस्था में ही अपराध की ओर बढ़ रहे कदम
डिजिटल डेस्क, अमरावती। शहर पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में हत्या, हत्या के प्रयास जैसे संगीन मामलों को बच्चे अंजाम देकर अपराधी बन रहे हैं। मात्र 16 और 17 वर्ष की किशोरावस्था में तेजी से अपराध की ओर कदम बढ़ रहे हैं। यह चिंता का विषय है। 1 जनवरी 2023 से 15 अगस्त 2023 तक 54 बच्चे अपराध में शामिल होने से उन पर आयुक्तालय में मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले दिनाें म्हाडा काॅलोनी निवासी अंकुश मेश्राम की निर्ममता से हत्या करने वाले 6 आरोपियों में भी 4 नाबालिग हैं।
साजिश कर नाबालिगों का कर रहे गलत उपयोग : अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में इससे पहले कई संगीन हत्याकांड हुए हैं। जिसमें अधिकतर हत्या के मामलों में नाबालिग के नाम सामने आए हैं। इससे अब हत्या जैसे संगीन मामलों में बाल अपराधियों का समावेश बढ़ना सामाजिक समस्या बनती जा रही है। केवल 16 से 17 वर्ष की उम्र में अपराध जगत की ओर मुड़नेवाले किशोर अधिकांश स्लम इलाके के निवासी हैं। नाबालिगों में अपराध की मानसिकता बनती जा रही है। 18 साल की उम्र के पहले कितने भी संगीन मामलों को अंजाम देने पर कानूनन पुलिस उनके साथ सख्त रवैया नहीं अपना सकती है और कम उम्र का लाभ उन्हें न्यायालय के फैसले में भी मिलता है।
जेल में मडावी और कडू बंधु किशोरावस्था में ही अपराध से जुड़े : पिछले सप्ताह छत्री तालाब परिसर में घूमने गए युवक पर लोहे के रॉड से हमला कर गले से सोने की चेन और मोबाइल छीन लिया था। मामले में राजापेठ पुलिस ने देवा मडावी, यश कडू और जय कडू को गिरफ्तार किया था। तीनों फिलहाल मकोका में जेल में हैं। इन तीनों ने जब अपराध जगत में कदम रखा तो उनकी उम्र मात्र 16 वर्ष थी और 18 वर्ष के होने तक उन पर लूटपाट और छीना झपटी के मामले दर्ज थे। कई बार प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के बाद भी वे अपनी हरकतों से बाज न आने पर पुलिस ने मकोका लगाकर जेल भेज दिया।
नई बनी सीताराम गैंग में 80 प्रतिशत बाल अपराधी : जेवड नगर, चवरे नगर और माया नगर परिसर के गुंडातत्व के लड़कों को लेकर सीताराम गैंग बनी है। इसमें करीब 80 प्रतिशत बाल अपराधी हैं। गिरोह नशीले पदार्थों की तस्करी में भी अहम भूमिका निभा रहा है और कम उम्र में गिरोह के सदस्य एमडी जैसे नशीले पदार्थों का उपयोग नशे के लिए कर रहे है।
सरदार, चौपकर और वानखडे की हत्या में भी था हाथ : लगभग डेढ़ साल पहले छत्री तालाब परिसर में अशोक सरदार नामक एक तड़ीपार गुंडे की हत्या हुई थी। सरदार तड़ीपारी में भी जेवड नगर परिसर में आकर दहशत फैलाना चाहता था। इससे परिसर के 5 युवकों ने मिलकर पत्थर से सिर कुचलकर हत्या कर दी थी जिसमें 2 बाल अपराधी थे। दिसंबर 2022 में महादेवखोरी परिसर में गोलू चौपकर नामक युवक पर जेवड नगर परिसर में हमला कर उसकी निर्मम हत्या में भी 3 नाबालिग थे। इसी तरह राजापेठ रेलवे झोपड़पट्टी निवासी बच्चू वानखडे को घर से उठाकर नेशनल हाईवे पर ले जाकर निर्ममता हत्याकांउ में 3 बाल अपराधी थे। दो वर्ष पहले होली के दिन फ्रेजरपुरा थाना क्षेत्र में मार्डी रोड पर केवल दोपहिया का धक्का लगने से विवाद में एक दोपहिया सवार रॉड से हमला कर उसकी हत्या कर दी थी। हत्याकांड में शामिल चार आरोपियों में से 3 आरोपी नाबालिग थे। एक सप्ताह पहले गोपाल नगर चौक से अंकुश मेश्राम को अगवा कर कोंडेश्वर के जंगल में चाकू से 10 वार कर हत्या के मामले में गिरफ्तार 6 आरोपियों में 4 बाल अपराधी हैं।