कड़ाई: अब तक 1300 अनधिकृत निर्माणकर्ताओं को नोटिस, कार्रवाई का अता-पता नहीं
- फिर से नक्शा मंजूरी
- जुर्माना भरने की योजना को नहीं मिला प्रतिसाद
डिजिटल डेस्क, अकोला. महानगरपालिका क्षेत्र में बड़े पैमाने पर इमारतों का अनधिकृत निर्माण हुआ है। संबंधित अधिकारियों की अनदेखी की वजह से बड़ी-बड़ी इमारतें भी अनधिकृत तरीके से बनी। कई बार तत्कालीन आयुक्त के मार्गदर्शन में गजराज चला, लेकिन न अनधिकृत निर्माण रूका, न ही मनपा को आय बढ़कर लाभ हो पाया। मनपा की आय बढ़ाने के उद्देश्य से विगत वर्ष से अभिकर्ता के माध्यम से इमारतों की नापजोख शुरू की गई। 1300 अनधिकृत इमारतधारकों काे मनपा ने नोटिस भी जारी किए, लेकिन अपना अनधिकृत निर्माण वैध करवाने फिर से नक्शा मंजूरी के प्रस्ताव दाखिल नहीं हो पाए। जुर्माना भरकर अब तक सिर्फ 8 इमारतधारकों ने अपने निर्माण नियमों के दायरे में लाए।
अतिक्रमण तथा अनधिकृत निर्माण की समस्या से निपटने के लिए मनपा की ओर से अभिकर्ता की नियुक्ति की गई। पहले चरण में मनपा प्रशासन ने अभिकर्ता से कोचिंग क्लासेस की नापजोख करवाई। बाद में वाणिज्यिक इमारतों की नापजोख हुई। शहर के हर परिसर में निर्माणाधीन इमारतों की खोज कर नापजोख की गई। इस दौरान अनधिकृत निर्माणों को नियमों के दायरे में लाने जुर्माना भरने की योजना जारी रखी गई। पश्चात मनपा प्रशासन ने अभिकर्ता को सन 2018 के बाद बनी सभी व्यवसायिक इमारतों की नापजोख करने के आदेश दिए थे। इस दौरान 186 इमारतों की भी फिर से नापजोख की गई। मनपा ने अभिकर्ता के जरिए मनपा क्षेत्र की अब तक 1700 इमारतों की नापजोख पूरी की। इसमें से 1300 अनधिकृत इमारतधारकों को नोटिस जारी किए गए।
अनधिकृत निर्माण निष्कासित कर लेने की इस नोटिस से अनधिकृत निर्माणकर्ताओं में हड़कंप मचा है। नोटिस जारी करने का सिलसिला जारी है, लेकिन अनधिकृत इमारतों के खिलाफ कार्रवाई पर ब्रेक लगा हुआ है। इस कारण नोटिस जारी कर मनपा क्या करना चाहती है? यह सवाल उठने लगा है। न कार्रवाई हो रही है, न ही जुर्माना भरकर अपने निर्माणों को वैध कराने की होड़ निर्माणकर्ताओं में नजर आ रही है।