सैटेलाइट इमेज से खुल गया चीन का 'काला सीक्रेट', एलएसी पर ताकत बढ़ाने के लिए की ऐसी चालबाजियां

  • चीन ने एलएसी पर अपनी गतिविधी बढ़ाई
  • भारत सरकार पर टिकी नजर

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-01 09:44 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच संबंध दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। जिसका जिक्र भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर कई बार कर चुके हैं। हाल ही में भारत-चीन सीमा एलएसी से जुड़ी कुछ तस्वीरें सामने आई। जिसमें साफतौर पर देखा जा सकता है कि ड्रैगन कैसे भारतीय सीमा के पास अपनी सेना के लिए कनेक्टिविटी बढ़ा रहा है ताकि युद्ध में हर मोर्चे पर उसे सफलता मिल सके।

दरअसल, सैटेलाइट से ली गई तस्वीर में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि चीनी सरकार ने भारतीय सीमा के पास एलएसी में हैलीपैड, एयरफील्ड और मिसाइल बेस बना रहा है। ड्रैगन की चालाकियों से सब वाकिफ हैं कि कैसे वो पड़ोसी देशों की सीमा के पास निर्माण कर उन्हें परेशान करने की कोशिश करता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने यह निर्माण सैनिकों की इंस्टेंट तैनाती के मकसद और युद्ध में जीत हासिल करने के लिए निर्माण करा रहा है। खबरें हैं कि, चीन ने एलएसी के पास हवाई क्षेत्रों, हेलीपैड, रेलवे सुविधाओं, मिसाइल बेस, सड़कों और पुलों का बड़े पैमाने पर निर्माण कर और तेजी से विस्तार करने में लगा हुआ है ताकि भारत से डट कर मुकाबला कर सके।

ड्रैगन की चाल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने भारतीय सीमा से लगने वाले स्थान, लद्दाख के होटान, हिमाचल प्रदेश के करीब न्गारी गुनसा और तिब्बत के ल्हासा में नए एयरफील्ड के तहत नए रनवे का निर्माण किया है। साथ ही ड्रैगन ने अपने लड़ाकू विमानों की रक्षा दुश्मन देश के मिसाइलों से करने के लिए नया एयरबेस बनाया है। इसके अलावा चीन एलएसी के पास रेलवे ट्रैक और सड़कों का निर्माण कर कनेक्टिविटी को और मजबूत कर रहा है।

3 साल में एलएसी पर बढ़ाई चौकसी

आपको बता दें कि, चीन द्वारा होटान एयरफील्ड का आखिरी बार विस्तार 2002 में किया गया था। इस क्षेत्र में जून 2020 तक किसी तरह की कोई हलचल नहीं थी। इसका पता साल 2020 की एक सैटेलाइट इमेज से पता चला है। लेकिन लेटेस्ट सैटेलाइट तस्वीरें सामने आने के बाद पता लगा है कि इस एरिया में चीन ने बड़ी तेजी से विकास किया है जो भारत के लिए बड़ा चिंता का विषय है।

मई 2023 में मिली ताजा सेटेलाइट तस्वीर से पता चलता है कि होटान एयरफील्ड में अब एक नया रनवे बन कर तैयार हो गया है, इसके अलावा मिलिट्री ऑपरेशन को संचालित करने के लिए चीन ने नई बिल्डिंग और नए एप्रन का निर्माण किया है। सैटेलाइट तस्वीरों से होटान एयरफील्ड से ड्रोन के संचालन और एक चीनी स्टेल्थ फाइटर की तैनाती भी दिखाई दे रही है।

भारत सरकार का क्या होगा कदम?

चीन का इस तरह सीमा के पास लगातार निर्माण करना भारत सरकार के लिए बड़ी चुनौती सामने आ खड़ी हुई है। क्योंकि भारत सरकार हमेशा से चीन के विस्तारवाद पर सवाल उठाती रही है। बता दें कि, गलवान हिंसा के बाद भारत और चीन के बीच लगातार रिश्ते बिगड़ते चले आ रहे हैं। करीब 10 दौर की कमांडर बातचीत के बाद भी चीन अपनी विस्तारवाद नीति छोड़ने के मूड में नहीं है। चीन अरुणाचल से लेकर सिक्किम, हिमाचल और उत्तराखंड तक से लगी सीमाओं में हमेशा घुसपैठ की कोशिशें करता रहा है लेकिन उसे भारतीय सेना के मुस्तैदी की वजह से कभी सफलता नहीं मिली है। हालांकि, जिस तरह चीन एलएसी से सटी सीमा में निर्माण कर रहा है उसको देखते हुए भारत सरकार को किसी तरह की रणनीति बनानी होगी ताकि हम उसके मंसूबों पर पानी फेर सके।

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