ऐसा भी हो सकता है..विपक्ष को मौका ही नहीं मिले
जिसने पहले प्रस्ताव पेश किया और उसको 50 फीसदी से ज्यादा बहुमत मिल जाता है तो दूसरे प्रस्ताव को पेश करने की नौबत नहीं आएगी। यानी एनडीए समर्थित ओम बिरला का प्रस्ताव पास हो जाता है तो वे स्पीकर घोषित कर दिए जाएंगे और के सुरेश के प्रस्ताव को सदन के पटल पर पेश करने की जरूरत नहीं होगी।
Update: 2024-06-26 04:57 GMT