अफगान सेंट्रल बैंक की धनराशि तक नहीं होगी तालिबान की पहुंच
अमेरिका अफगान सेंट्रल बैंक की धनराशि तक नहीं होगी तालिबान की पहुंच
डिजिटल डेस्क, काबुल। अमेरिका की ओर से अफगानिस्तान को सहायता आपूर्ति के मामले में मदद करने के लिए सहमत होने के बावजूद, इसने अब यह स्पष्ट कर दिया है कि तालिबान सरकार को अफगान सेंट्रल बैंक के रिजर्व (मुद्रा भंडार) तक पहुंच की अनुमति नहीं दी जाएगी। अमेरिका का यह कदम ऐसे समय पर सामने आया है, जब तालिबान ने देश के बाहर अफगान सेंट्रल बैंक के 9 अरब डॉलर से अधिक के भंडार पर रोक हटाने की मांग की है।तालिबान की मांग पर जवाब देते हुए अमेरिका के उप वित्त मंत्री (डिप्टी ट्रेजरी सेक्रेटरी) वैली अडेमो ने कहा कि उन्हें, ऐसी कोई स्थिति दिखाई नहीं दे रही है, जहां तालिबान, जिसने अगस्त में अफगानिस्तान में सत्ता हासिल की है, उसे सेंट्रल बैंक के भंडार तक पहुंच की अनुमति होगी। अडेमो ने सीनेट बैंकिंग समिति को बताया, हम मानते हैं कि यह आवश्यक है कि हम तालिबान के खिलाफ अपने प्रतिबंधों को बनाए रखें, लेकिन साथ ही साथ अफगान लोगों को वैध मानवीय सहायता प्राप्त करने के तरीके भी खोजे जाने चाहिए और ठीक यही हम कर रहे हैं।
अफगानिस्तान आर्थिक और मानवीय संकट में डूब रहा है, जिससे वाशिंगटन और अन्य पश्चिमी देशों को तालिबान को वैधता और मान्यता दिए बिना उनके साथ संपर्क बनाए रखने के कठिन विकल्पों पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अडेमो ने कहा, हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हम तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ अपनी प्रतिबंध व्यवस्था को लागू करना जारी रखें, लेकिन साथ ही देश में मानवीय सहायता के अनुमेय प्रवाह की अनुमति भी दी जाए।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वित्त विभाग मानवीय समूहों को आश्वस्त करने के लिए कि वह अफगान लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है, अपनी प्रतिबंध व्यवस्था के भीतर उठाए जाने वाले कदमों की दिशा में सभी प्रयास कर रहा है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि मानवीय स्तर की सुविधा के लिए तालिबान को इसे देश के भीतर होने देना होगा। हाल ही में, यूएस ट्रेजरी ने अफगानिस्तान को सहायता के प्रवाह को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दो सामान्य लाइसेंस भी जारी किए हैं। दूसरी ओर, तालिबान वैश्विक मान्यता और अवरुद्ध विदेशी सहायता को बहाल करने के साथ ही अफगान सेंट्रल बैंक के भंडार पर रोक हटाने की मांग कर रहा है, जो कि बड़े पैमाने पर अमेरिका के पास है। अफगानिस्तान क्षेत्रीय और पश्चिमी शक्तियों से आर्थिक और मानवीय संकट अधिक बढ़ने से पहले ही उसकी सहायता का आह्वान करता रहा है।
(आईएएनएस)