सरकार की नीतियों और प्रदेश की सड़कों ने बनाया उद्योगों के लिये अनुकूल वातावरण
मंडीदीप सरकार की नीतियों और प्रदेश की सड़कों ने बनाया उद्योगों के लिये अनुकूल वातावरण
- अब यहां 650 से ज्यादा औद्योगिक ईकाईयां चल रही
- एक समय मंडीदीप में ट्रक चालक आना पसंद नहीं करते थे
भास्कर ब्यूरो, भोपाल। नए साल की शुरुआत में इंदौर में जीआईएस समिट होने जा रही है। इसके लिए मप्र सरकार देश-विदेश के औद्योगिक निवेशकों को मप्र में निवेश के लिए राज्य में मौजूद संसाधनों के बारे में बता रही है। वहीं, राजधानी के नजदीक मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र में मल्टीनेशनल ब्रांड के औद्योगिक निवेश ने भी क्षेत्र की तस्वीर बदल दी। 1983 में, मंडीदीप में 49 औद्योगिक इकाइयां थीं। मंडीदीप में करीब 650 औद्योगिक प्लांट हैं जहां 450 फैक्ट्रियां चल रही है। राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए मध्यप्रदेश प्रचुर संसाधनों से समृद्ध राज्य है जिसमें अपनी सरल नीतियों के माध्यम से सरकार लगातार कारोबारी माहौल में सुधार कर रही है।
दरअसल, एक समय मंडीदीप जैसे औद्योगिक क्षेत्र में भी किसी समय निवेशकों को कई तरह के संघर्षों से जुझना पड़ा। अमेरिकी कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल जैसी कंपनियों ने जब यहां निवेश किया था, तब मप्र की सड़कों की दुर्गति देखकर कच्चा माल परिवहन करने वाले ट्रक चालक तक मप्र में आने से इंकार कर देते थे, लेकिन अब यहां स्थिति इस तरह बदली की एक के बाद एक करके 650 से ज्यादा ईकाईयां यहां स्थापित हैं।
मप्र औद्योगिक केंद्र विकास निगम के सीजीएम प्रबोद देव का कहना है कि किसी भी प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिये आधारभूत अवसंरचना महत्वपूर्ण है। मध्य प्रदेश में आधारभूत अवसंरचना को सुविधाजनक बनाने के लिये केन्द्र सरकार के साथ प्रदेश सरकार द्वारा कई पहल की गई है। राज्य सरकार द्वारा बीते कुछ समय में आधारभूत अवसंरचना निर्माण की दिशा में विशेष ध्यान दिया गया है, जिसके चलते मध्यप्रदेश निवेशकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। बीते डेढ़ दशक में मध्यप्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर अर्थात सड़क, बिजली, पानी में बेहतरीन सुधार हुआ है जिसके बाद से प्रदेश में निवेश के मौके बड़े हैं।
सड़कों ने खोला विकास का द्वार
सड़कें किसी भी देश प्रदेश के विकास की धुरी होती हैं। मध्यप्रदेश ने एक समय वह दौर भी देखा है जब सड़क में गड्डे हैं या गड्डे में सड़क इसका पता नहीं चलता था। उस समय प्रदेश की बदहाल सड़कें औद्योगीकरण के लिए परेशानी का सबब बनी हुई थी। जगह-जगह सड़क पर बस बड़े-बड़े गड्ढे ही दिखाई देते थे। खराब सड़कों ने विकास, निवेश, रोजगार की तमाम संभावनाओं पर सीधे ग्रहण लगा दिया था। मध्यप्रदेश ने एक समय वो दौर भी देखा जब अघोषित बिजली की कटौती से प्रदेश की जनता का जीना दूभर हो गया था। तब बिजली कटौती की वजह से उद्योगों को भी कई मुश्किलों से दो चार होना पड़ता था लेकिन आज प्रदेश की स्थिति बदल चुकी है। मध्यप्रदेश में बीते अब औद्योगिक प्रोत्साहन नीतियों के चलते उद्योगोंकरण की स्थिति बेहतर है, जिसके चलते निवेशकों की पहली पसंद मध्यप्रदेश बना है।
सरकार की नीतियों ने बनाया उद्योगों के लिये अनुकूल वातावरण
मध्यप्रदेश में उद्योग काफी हद तक प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर है। यहां चूना पत्थर, कोयला, तिलहन, दालें, बॉक्साइट, लौह अयस्क, हीरा, तांबा अयस्क, मैंगनीज अयस्क, रॉक फॉस्फेट, सिलिका, सोया, कपास और अन्य प्राकृतिक संपदा प्रचुर मात्रा में है। राज्य में कपड़ा, सीमेंट, इस्पात, खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल और ऑटो कम्पोनेंट, फार्मा और ऑप्टिकल फाइबर जैसे क्षेत्रों के लिए एक मजबूत औद्योगिक नींव बनी हुई है।
1980 के दशक में, कई परिवर्तनों ने औद्योगिक विकास में मदद की। इस क्षेत्र में उद्योगों के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा पूरी तरह से सहायता प्राप्त मध्य प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम का गठन किया गया था। 1983 में, मंडीदीप में 49 औद्योगिक इकाइयां थीं। मंडीदीप में करीब 650 औद्योगिक प्लांट हैं। इन पर 450 फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं। राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए मध्यप्रदेश प्रचुर संसाधनों से समृद्ध राज्य है जिसमें अपनी सरल नीतियों के माध्यम से सरकार लगातार कारोबारी माहौल में सुधार कर रही है।
राज्य शासन की उद्योग सवंर्धन नीति में औद्योगिक इकाइयों को जहां अनुकूल सुविधाएं देने का निर्णय हुआ है वहीं औद्योगिक इकाइयों में प्रदेश के स्थायी निवासियों को प्राथमिकता के साथ रोजगार दिया जा रहा है। प्रदेश में जीएसटी व्यवस्था लागू होने से वृहद श्रेणी के उद्योगों को देय टैक्स सहायता निरंतर दिये जाने के संबंध में प्रक्रिया का पुनर्निर्धारण किया गया है। अधिक से अधिक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश की नई सरकार ने औद्योगिक प्रयोजन के लिये आपसी सहमति से निजी भूमि अर्जन के लिए लैंड पूलिंग पॉलिसी भी लागू की है जिसके बाद से औद्योगिक विकास दर में भी इजाफा हुआ है। प्रदेश सरकार छोटे उद्योगों के लिए भी सस्ती दरों पर जमीनें देने के साथ ही उन्हें सब्सिडी देने का भी काम कर रही है।
औद्योगिक इकाईयों का बड़ा हब मंडीदीप
भोपाल से सटा हुआ मंडीदीप आज औद्योगिक इकाईयों के एक बड़े केंद्र के रूप में स्थापित हो गया है जहां ल्यूपिन, प्रॉक्टर एन्ड गैंबल, दावत फूड्स, वर्धमान टेक्सटाइल्स, एचईजी लिमिटेड जैसी कंपनियों की मौजूदगी हैं, जो हर साल यहां से करोड़ों रुपये के उत्पादों का निर्यात कर रही हैं। मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र में औद्योगिक निवेश की तमाम योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से हुआ है जिसके बाद से यहां पर उद्योग स्थापित हुए हैं और कई निवेशक यहां उद्योग लगाने में अपनी रूचि दिखा रहे हैं। इसमें से भी 400 फैक्ट्री एमएसएमई कैटेगरी की है।
एचईजी लिमिटेड औद्योगीकरण का दीया जलाने वाला पहला उद्योग
70 के दशक में मध्यप्रदेश मंडीदीप में औद्योगीकरण का दीया जलाने वाला पहला उद्योग एचईजी था। स्टील प्लांट्स के लिए दुनिया में सबसे ज्यादा ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड बनाने वाली एचईजी के ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड की मांग आज दुनिया भर में है। ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड उन इस्पात उत्पादकों के लिए एक कच्चा माल है जो पारंपरिक ब्लास्ट फर्नेंस प्रक्रिया के बजाय इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेंस रूट (ईएएफ) का इस्तेमाल करते हैं। मंडीदीप प्लांट से अमरीका, यूरोप और अफ्रीकी देशों को इसकी सप्लाई की जा रही है। मंडीदीप प्लांट एकड़ में फैल अहइ जिसके माध्यम से 1800 लोगों को सीधा रोजगार मिल रहा है। मंडीदीप, मध्य प्रदेश में एचईजी के पास 76.5 मेगावाट (दो थर्मल पावर प्लांट और एक हाइड्रोपावर प्लांट) की क्षमता वाले ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड के उत्पादन का कारखाना है।
एचईजी लिमिटेड मंडीदीप के सीएमडी रवि झुनझुनवाला का कहना है कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में काम करने का बेहतरीन माहौल है। सरकार की औद्योगिक नीति निवेशकों को आकर्षित कर रही है और मध्यप्रदेश निवेशकों के लिए उपयुक्त राज्य है। उनकी कंपनी की इकाई ग्रेफाईट एनोड के विनिर्माण के लिए प्रदेश में 2000 करोड़ रूपए का निवेश करेगी। देवास जिले के ग्राम सिरसौदा में निवेश किया जाएगा जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 20 हजार मीट्रिक टन होगी। एक जनवरी 2025 तक प्रथम चरण का उत्पादन शुरू होगा और एक जनवरी 2028 तक परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा। प्रथम चरण में कंपनी द्वारा ग्रेफाइट विनिर्माण के लिए औद्यागिक क्षेत्र मंडीदीप स्थित इकाई परिसर में 1200 करोढ़ रुपये के पूँजी निवेश से किए जा रहे विस्तारीकरण के बाद यह इकाई ग्रेफाइट उत्पादन के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी कंपनी होगी।
4500 महिलाओं को एक फैक्ट्री में मिला रोजगार
वर्धमान टेक्सटाइल्स लिमिटेड टेक्सटाइल क्षेत्र में सत्तर के दशक से भारत में काम कर रही है। मध्य प्रदेश में 1991 में इसका प्लांट मंडीदीप में स्थापित किया गया। 180 एकड़ और 50 एकड़ में यहां पर इसके दो प्लांट काम कर रहे हैं जिनके माध्यम से 15000 से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मिल रहा है। जिसमें से 4500 महिलायें भी शामिल हैं। प्रदेश के हर कोने से यहाँ के प्लांट में स्थानीय युवक और युवतियों को सीधा रोजगार मिला है।
फार्मा सेक्टर में अग्रणी ल्यूपिन
भारतीय फार्मा उद्योग मात्रा के आधार पर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है। विकासशील देशों के लिए दवाओं की लागत कम करने में भारत ने अग्रणी भूमिका निभाई है। मंडीदीप स्थित ल्यूपिन कंपनी ने फार्मा और मेडिकल सेक्टर की कई वस्तुओं का उत्पादन कर रही है और विदेशों में बड़ी मात्रा में अपनी एंटीबायोटिक दवाईयां निर्यात कर रही है। इसके माध्यम से प्रदेश में फार्मा और मेडिकल सेक्टर में रोजगार एक नए अवसर बने हैं। भारत अपने फार्मा सेक्टर में कच्चे माल के रूप में उपयोग में आने वाले एक्टिव फार्मास्यूटिकल इन्ग्रीडियेंट (एपीआई) का बड़ा हिस्सा चीन से आयात करता है, इसलिए अब कंपनी आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एपीआई के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ी है।
अमेरिकी कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल द्वारा हो रहा है एफएमसीजी का उत्पादन
अमेरिकी कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल कंपनी मंडीदीप में रोजमर्रा के उपयोग के वस्तुएं बनाने के काम को कर रही है। कंपनी के उत्पादों में एरियल, टाइड, जिलेट, ओरल बी जैसे उत्पाद शामिल हैं। घर में साफ-सफाई रखने से लेकर पर्सनल केयर तक के प्रोडक्ट्स का निर्माण भी यहाँ के विभिन्न संयंत्रों में किया जा रहा है। यहां प्लास्टिक पैकेजिंग कचरे को एकत्रित कर उसका प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण किया जाता है। कंपनी की यहां पर सौर संयंत्र स्थापित करने की भी योजना है। अपने संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग और निवेशकों के लिए एक सुविधाजनक वातावरण बनाने में मध्यप्रदेश आगे है। निवेश के अनुकूल वातावरण बनने के चलते यहां देशी और विदेशी कम्पनियां अपना व्यवसाय बढ़ा रही हैं। मध्यप्रदेश देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहां बहुत कम समय में निवेश की बेहतरीन संभावनाएं बनी हैं। निवेशकों को बेहतरीन सुविधाएं देने की नीति के मामले में भी मध्यप्रदेश एक अग्रणी राज्य है। निवेशकों के हितों का पूरा ध्यान रखे जाने से जहाँ प्रदेश में निवेश के मौके बढ़ा रहे हैं वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिल रहे हैं।