बजट में नए दौर के कारोबार और पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था पर अधिक जोर

आम बजट 2022 बजट में नए दौर के कारोबार और पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था पर अधिक जोर

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-01 12:30 GMT
बजट में नए दौर के कारोबार और पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था पर अधिक जोर
हाईलाइट
  • निवेश को बढ़ावा देने के लिए 2022-23 में राज्यों को एक लाख करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में नए दौर के कारोबार , स्टार्टअप और स्थानीय विनिर्माण तथा डिजीटल करेंसी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिए जाने की केन्द्रीय बजट 2022-23 में घोषणाा किए जाने से वर्ष 2025 तक पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल किए जाने की बात कही गई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज पेश किए गए बजट में आर्थिक क्षेत्र में अनेक सुधारों की बात की है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से वर्ष 2022-23 तक ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल करके डिजीटल रुपया पेश करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा निवेश को बढ़ावा देने के लिए 2022-23 में राज्यों को एक लाख करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।

रिजर्व बैंक द्वारा जल्द ही लॉन्च होने वाले डिजिटल रुपये के साथ-साथ निजी क्रिप्टोकरेंसी पर नकेल कसने से लेकर इस साल 5 जी स्पेक्ट्रम नीलामी की घोषणा और पीएलआई योजना के तहत अधिक आवंटन से सरकार अपने डिजिटल-संचालित आत्मनिर्भर भारत के एजेंडे पर आगे बढ़ी है।

क्रिप्टोकरेंसी और नॉन फ्ंजीबल टोकन (एनएफटी)को कर के दायरे में लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से किसी भी आय पर 30 प्रतिशत कर की घोषणा की है। इसमें यह स्पष्ट किया गया कि इसमें कोई कटौती और छूट की अनुमति नहीं होगी। डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण के भुगतान पर स्रोत पर एक प्रतिशत कर (टीडीएस)की कटौती की जाएगी।

सरकार ने अगले साल रिजर्व बैंक द्वारा देश की अपनी डिजिटल मुद्रा लाने की भी घोषणा की, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगी। बहुप्रतीक्षित क्रिप्टोकरेंसी बिल पर अभी कोई जिक्र नही किया गया है।

सुश्री सीतारमण ने कहा, रिजर्व बैंक द्वारा 2022-23 से ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करके डिजिटल रुपया जारी किया जाएगा। इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

भारतीय रिजर्व बैंक पहले से ही केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा और निजी क्रिप्टो मुद्राओं से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रहा है।

वैश्विक 5जी बैंडवागन को लाने में पहले ही देर हो चुकी है लेकिन सरकार ने कहा कि वह जल्द ही देश में 5जी के लिए एक मजबूत तंत्र बनाने के लिए डिजाइन-आधारित विनिर्माण के लिए एक योजना शुरू करेगी। उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना विकास को सक्षम करेगी और नौकरी के अवसर प्रदान करेगी।

उन्होंने कहा, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के हिस्से के रूप में 5 जी के लिए एक मजबूत तंत्र बनाने के लिए डिजाइन नीत विनिर्माण योजना शुरू की जाएगी।

उन्होंने कहा, निजी दूरसंचार प्रदाताओं द्वारा 2022-23 में 5जी मोबाइल सेवाओं को शुरू करने की सुविधा के लिए आवश्यक स्पेक्ट्रम नीलामी 2022 में की जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि सभी गांवों और उनके निवासियों की ई-सेवाओं, संचार सुविधाओं और डिजिटल संसाधनों तक शहरी क्षेत्रों और उनके निवासियों के समान पहुंच होनी चाहिए।

इसके लिए भारतनेट परियोजना के तहत दूरदराज के क्षेत्रों सहित सभी गांवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का ठेका पीपीपी के माध्यम से 2022-23 में दिया जाएगा। इस काम के वर्ष 2025 में पूरा होने की उम्मीद है और ऑप्टिकल फाइबर के बेहतर एवं अधिक कुशल उपयोग को सक्षम करने के लिए उपाय किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि 2030 तक 280 गीगावाट की स्थापित सौर क्षमता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए घरेलू विनिर्माण की सुविधा के लिए, उच्च दक्षता वाले मॉड्यूल के निर्माण के लिए पीएलआई के तहत 19,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा। इसमें पॉलीसिलिकॉन से सोलर पीवी मॉड्यूल बनाए जाने वाली पूरी तरह से एकीकृत विनिर्माण इकाइयों को प्राथमिकता दी जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि आईटी हार्डवेयर निर्माण सहित 14 क्षेत्रों में पीएलआई योजना में कम से कम 60 लाख नए रोजगार के अवसर की क्षमता है।

उन्होंने कहा, आत्मनिर्भर भारत को प्राप्त करने के लिए पीएलआई योजना को जोरदार प्रतिक्रिया मिली है, जिसमें 60 लाख नए रोजगार सृजित करने की क्षमता है। पीएलआई योजनाएं अगले पांच वर्षों के दौरान 30 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त उत्पादन को आकर्षित कर सकती हैं।

वस्तुओं और लोगों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए, सभी मोड ऑपरेटरों के बीच डेटा एक्सचेंज को यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) पर लाया जाएगा, जिसे एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) के लिए डिजाइन किया गया है।

यह विभिन्न तरीकों से माल की कुशल आवाजाही, लागत और समय को कम करने, समय-समय पर सूची प्रबंधन में सहायता करने और अनावश्यक दस्तावेजीकरण को समाप्त करने में मदद करेगा।

सुश्री सीतारमण ने कहा, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सभी हितधारकों को वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करेगा, और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में सुधार करेगा। यात्रियों की निर्बाध यात्रा के लिए ओपन-सोर्स मोबिलिटी स्टैक की भी सुविधा होगी।

(आईएएनएस)

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