वीडियोकॉन लोन मामला: ICICI बैंक और चंदा कोचर अमेरिकी मार्केट रेग्युलेटर SEC के रडार पर
वीडियोकॉन लोन मामला: ICICI बैंक और चंदा कोचर अमेरिकी मार्केट रेग्युलेटर SEC के रडार पर
- ICICI बैंक भारतीय बाजार के साथ-साथ अमेरिकी बाजार में भी सूचीबद्ध है
- सूत्र बताते है कि इसी वजह से SEC पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है।
- अब यह मामला अमेरिकी मार्केट रेग्युलेटर SEC (सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमिशन) की जांच के दायरे में भी आ गया है।
- वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने के मामले में घिरी ICICI बैंक की प्रमुख चंदा कोचर और उनके परिवार की जांच भारत की कई एजेंसियां कर रही हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने के मामले में घिरी ICICI बैंक की प्रमुख चंदा कोचर और उनके परिवार की जांच भारत की कई एजेंसियां कर रही हैं, वहीं अब यह मामला अमेरिकी मार्केट रेग्युलेटर SEC (सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमिशन) की जांच के दायरे में भी आ गया है। संभव है कि जल्द ही आईसीआईसीआई बैंक और चंदा कोचर को SEC जांच का सामना करना पड़े। हालांकि, जब SEC के एक अधिकारी से इस जांच को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
अमेरिकी बाजार में भी ICICI बैंक सूचीबद्ध
ICICI बैंक भारतीय बाजार के साथ-साथ अमेरिकी बाजार में भी सूचीबद्ध है, सूत्र बताते है कि इसी वजह से SEC पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। SEC भारतीय बाजार नियामक SEBI (सिक्योरिटी ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) से इस मामले को लेकर ज्यादा जानकारी देने की गुजारिश कर सकता है। मालूम हो कि SEBI पहले ही इस मामले को लेकर आईसीआईसीआई बैंक और कोचर को शो-कॉज नोटिस जारी कर चुकी है। SEBI के अलावा आरबीआई और कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री भी इस मामले को देख रहे हैं। वहीं सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने मार्च में ही कोचर के पति दीपक कोचर के खिलाफ प्रारंभिक जांच (PE) दर्ज की थी। अप्रैल में कोचर के देवर राजीव कोचर से भी CBI ने पूछताछ की थी।
चंदा कोचर ने ली छुट्टी
बता दें कि चंदा कोचर विडियोकॉन विवाद में अपने खिलाफ स्वतंत्र जांच शुरू होने के दो दिन बाद ही छुट्टी पर चली गई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक चंदा कोचर ने छुट्टी पर जाने का फैसला बैंक बोर्ड के सुझाव के बाद लिया था। रिपोर्ट के मुताबिक बैंक बोर्ड के कई सदस्यों ने चंदा कोचर को छुट्टी पर जाने का सुझाव दिया था। इधर बैंक मैनेजमेंट का कहना था कि चंदा कोचर एनुअल लीव पर हैं, जो पहले से ही तय थी। वहीं मैनेजमेंट ने नए CEO की तलाश के लिए सर्च कमेटी गठित करने की खबर का भी खंडन किया था।
क्या है मामला?
चंदा कोचर पर वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने के मामले में अनियमितता बरतने का आरोप लगा है। 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपए को लोन दिया गया। वीडियोकॉन ग्रुप का ये लोन एनपीए घोषित कर दिया गया। लोन स्वीकृत करने वाले कंसोर्टियम की कमेटी में चंदा कोचर शामिल थीं। चंदा कोचर पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगा। वीडियोकॉन के फाउंडर वेणुगोपाल धूत ने न्यूपावर रिन्यूएबल्स में निवेश किया। न्यूपावर के फाउंडर चंदा कोचर के पति दीपक कोचर हैं।
तारीखों में समझें दीपक कोचर को कैसे मिला फायदा?
- दिसंबर 2008 : वीडियोकॉन के चीफ वेणुगोपाल धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के साथ मिलकर न्यूपावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) नाम की एक कंपनी बनाई। इस कंपनी में धूत और उनके रिश्तेदारों की हिस्सेदारी 50% और बाकी की हिस्सेदारी दीपक कोचर, उनके पिता और चंदा कोचर की भाभी की कंपनी पैसिफिक की थी।
- जनवरी 2009 : वेणुगोपाल धूत ने NRPL के डायरेक्टर की पोस्ट से इस्तीफा दे दिया और अपने 24,999 शेयर सिर्फ 2.5 लाख रुपए में दीपक कोचर की कंपनी को ट्रांसफर कर दिए।
- मार्च 2010 : वेणुगोपाल धूत की हिस्सेदारी सुप्रीम एनर्जी नाम की कंपनी में 99.9% थी। सुप्रीम एनर्जी की तरफ से NRPL को 64 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया।
- नवंबर 2010 : वीडियोकॉन चीफ वेणुगोपाल धूत ने सुप्रीम एनर्जी में अपनी पूरी हिस्सेदारी अपने सहयोगी महेश चंद्र पुगालिया को ट्रांसफर कर दी।
- 2012 : वेणुगोपाल धूत को ICICI बैंक की तरफ से नई कंपनी के लिए 3,250 करोड़ रुपए का लोन दिया गया।
- 2013 : महेश चंद्र पुगलिया ने अपनी पूरी हिस्सेदारी, जिसकी कीमत करीब 9 लाख रुपए थी। वो पिनेकल एनर्जी नाम के ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दी। पिनेकल एनर्जी के मैनेजिंग ट्रस्टी दीपक कोचर ही थे। इससे ये हुआ कि जिस सुप्रीम एनर्जी ने NRPL को 64 करोड़ रुपए का लोन दिया था, वो अब पिनेकल एनर्जी में ही मिल गई।
- 2018 : एक अंग्रेजी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि ये जो पूरी तिकड़म बिठाई गई और पैसों का लेन-देन हुआ। इससे दीपक कोचर को काफी फायदा पहुंचा।