असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ाई गई

ITR फाइलिंग की डेट बढ़ी असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ाई गई

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-09 15:04 GMT
असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ाई गई
हाईलाइट
  • रिटर्न भरने में आ रही दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया
  • अब 31 दिसंबर तक फाइल कर सकेंगे रिटर्न
  • आयकर रिटर्न भरने की तारीख आगे बढ़ी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। करदाताओं और अन्य हितधारकों की बताई गई कठिनाइयों का हवाला देते हुए, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने गुरुवार को असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न और ऑडिट की विभिन्न रिपोर्टों को दाखिल करने की नियत तारीखों को और बढ़ाने का फैसला किया।

 

 

31 दिसंबर तक अपना आयकर रिटर्न फाइल कर सकेंगे
जिन व्यक्तियों के खातों का ऑडिट नहीं किया जाना है, उनके लिए आयकर रिटर्न की समय सीमा इस साल दूसरी बार बढ़ाकर 30 सितंबर की पूर्व विस्तारित समय सीमा से 31 दिसंबर कर दी गई है। वहीं पिछले वर्ष 2020-21 के लिए आयकर अधिनियम के किसी भी प्रावधान के तहत ऑडिट की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की नियत तारीख जिसे पहले 31 अक्टूबर से 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था, अब इसे 15 जनवरी, 2022 तक बढ़ा दिया गया है।

आयकर विभाग ने बुधवार को कहा था कि नए आईटीआर पोर्टल पर टेक्निकल इश्यू लगातार एड्रेस किए जा रहे हैं। विभाग ने ये भी बताया था कि 2020-21 वित्तीय वर्ष के लिए 1.19 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए हैं। सीबीडीटी ने कहा था, "यह दोहराया जाता है कि करदाताओं को आसान फाइलिंग अनुभव सुनिश्चित करने के लिए विभाग इंफोसिस के साथ लगातार जुड़ा हुआ है।"

वित्त मंत्रालय ने इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख को समन देकर इनकम टैक्स के नए पोर्टल में आ रही गड़बड़ियों को लेकर बुलाया था। 23 अगस्त को पारेख के साथ बैठक में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पोर्टल लॉन्च के बाद दो महीने से अधिक समय तक लगातार गड़बड़ियों पर "गहरी निराशा" व्यक्त की थी और मुद्दों को हल करने के लिए इंफोसिस को 15 सितंबर की समय सीमा दी थी। 

साल 2019 में, इंफोसिस के साथ नेक्स्ट जनरेशन इनकम टैक्स फाइलिंग सिस्टम को विकसित करने के लिए कॉन्ट्रेक्ट किया गया था। इसका मकसद प्रोसेसिंग टाइम को 63 दिनों से घटाकर एक दिन कर रिफंड में तेजी लाना है। जून 2021 तक, सरकार ने पोर्टल विकसित करने के लिए इंफोसिस को 164.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

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